Pakistan Politics: इमरान खान ने एक इंटरव्यू में कहा, प्रतिद्वंद्वियों का एकमात्र लक्ष्य मुझे 'खत्म' करना
पूर्व प्रधानमंत्री ने कहा कि उन्हें आगे और भी हमले होने की आशंका है, लेकिन उन्होंने सरकार विरोधी मार्च में फिर से शामिल होने की कसम खाई है. वह अधिक सावधानी बरतेंगे, लेकिन जोखिमों की परवाह किए बिना विरोध मार्च शांतिपूर्ण रहेगा.
हाल ही में वजीराबाद में हुए हमले में बाल-बाल बचे पीटीआई के अध्यक्ष इमरान खान ने कहा कि उनकी जान को खतरा अभी भी बना हुआ है. द न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, 3 नवंबर को पीटीआई के बहुचर्चित सरकार विरोधी लॉन्ग मार्च के दौरान खान को जान से मारने के कोशिश में उनके पैरों में गोली लगी थी, यह हमला वजीराबाद में हुआ था. मार्च तो फिर से शुरु हो चुका है लेकिन अभी इमरान पूरी तरीके से फिट नहीं हैं और वह स्वस्थ होने के बाद मार्च में शामिल होंगे. यह भी पढ़ें: 'अफगानिस्तान में अमेरिका द्वारा छोड़े गए हथियार का इस्तेमाल पाक सुरक्षा बलों के खिलाफ कर रहे हैं आतंकी'
फ्रांस 24 के साथ हाल ही में एक साक्षात्कार में, खान ने कहा कि उन्हें अभी भी निकट भविष्य में अपने जीवन पर एक और हमले का डर है। खान ने कहा, उन्हें लगता है कि मुझे रास्ते से हटाने का एकमात्र तरीका मुझे खत्म करना है. इसलिए मुझे लगता है कि अभी भी खतरा है.
पूर्वप्रधान मंत्री के अनुसार, घटना के ठीक बाद गिरफ्तार किया गया संदिग्ध हत्यारा महज एक छलावा था और पूर्वी शहर में रैली में एक और बंदूकधारी (हमलावर) था. खान ने कहा कि वह केवल स्वतंत्र जांच के लिए मुख्य न्यायाधीश पर भरोसा करते हैं, यह तर्क देते हुए कि सरकार द्वारा किसी भी अन्य जांच को विफल कर दिया जाएगा.
पूर्व प्रधानमंत्री ने कहा कि उन्हें आगे और भी हमले होने की आशंका है, लेकिन उन्होंने सरकार विरोधी मार्च में फिर से शामिल होने की कसम खाई है. वह अधिक सावधानी बरतेंगे, लेकिन जोखिमों की परवाह किए बिना विरोध मार्च शांतिपूर्ण रहेगा.
द न्यूज ने बताया- उन्होंने इंटरव्यू में कहा कि एकमात्र समाधान स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव था, इस बात पर जोर देते हुए कि उनकी पार्टी की जीत निश्चित है। खान, जिन्हें अविश्वास मत के सहारे अप्रैल में प्रधानमंत्री के पद से हटा दिया गया था, वह अपने दावे पर कायम हैं कि, उनकी सरकार को अमेरिका की मदद से गिरा दिया गया था.
उन्होंने जोर देकर कहा कि वास्तव में सबूत थे कि अमेरिका उन्हें बाहर करना चाहता था, हालांकि, उन्होंने कहा कि वह एक महाशक्ति को दुश्मन बनाकर पाकिस्तान के लोगों के हितों के खिलाफ नहीं जाना चाहते.