इस्लामाबाद: पाई-पाई को मोहताज पाकिस्तान के लिए बुरी खबर आई है. अपने खस्ताहाल अर्थव्यवस्था के लिए नए कर्ज की तलाश में कई देशों के चक्कर काट चुके इमरान खान को अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने झटका दिया है. दरअसल आईएमएफ ने पाकिस्तान को कोई भी कर्ज देने से पहले उसकी कर्ज लौटने की क्षमता का विश्लेषण करने की बात कही है.
आईएमएफ के संचार निदेशक गैरी राइस ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘किसी देश की कर्ज क्षमता का उचित आकलन कराने के लिए उस देश के कर्ज पर पारदर्शिता अनिवार्य तत्व है. जब भी हम अपने सदस्य देशों के साथ इस तरह के कार्यक्रम में प्रवेश करते हैं तो इस तरह का विश्लेषण किया जाता है. तो पाकिस्तान के मामले में भी करेंगे.’’
दरअसल पाकिस्तान ने आईएमएफ से आठ अरब डॉलर के राहत पैकेज की मांग की है. लेकिन आशंका जताई जा रही है कि कहीं पाकिस्तान आईएमएफ से पैसे लेकर चीन के कर्ज की भरपाई ना कर दें. इसलिए आईएमएफ की ओर से पाकिस्तान की कर्ज भुगतान क्षमता गहन तरीके से छानबीन करने की बात काफी अहम हो जाती है.
इमरान खान नए कर्ज के लिए कभी सऊदी अरब कभी यूएई तो कभी चीन की ओर टकटकी लगाए खड़े है. इमरान अगस्त महीने में पाकिस्तान की सत्ता संभालने के बाद से ताबड़तोड़ विदेश दौरा कर रहे है. जिससे गंभीर आर्थिक संकट से जूझ रहे पाकिस्तान के लिए नए कर्ज लिए जा सके.
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पाकिस्तान साल 2013 जैसे एक बार फिर कंगाल होने की कगार पर है. इमरान खान के मुताबिक पाकिस्तान पर 300 खरब रुपए का कर्ज है. इस वजह से पाकिस्तान सरकार को प्रतिदिन छह अरब रुपए का ब्याज भरना पड़ रहा है. जिससे पाकिस्तान का विदेशी मुद्रा भंडार भी खाली होने की कगार पर पहुंच गया था. इसके साथ ही पाकिस्तानी का रुपया भी तबाह हो गया.