ताइवान की चीन को चेतावनी, कहा अगर ड्रैगन ने हमला किया तो आखिरी दिन तक लड़ेंगे
ताइवान (Photo Credits: Pixabay)

ताइवान, 8 अप्रैल : वू ने एक तरफ चीन (China) की सुलह की कोशिशों और दूसरी तरफ सैन्य धमकियां (Military Threats) देने पर बुधवार को कहा कि वे इस द्वीप के निवासियों को ‘‘मिलाजुला संकेत’’ भेज रहे हैं. चीन ताइवान को अपना हिस्सा बताता है. वू ने कहा कि सोमवार को ताइवान के वायु रक्षा क्षेत्र में चीन के 10 युद्धक विमान उड़े और उसने ताइवान (Taiwan) के समीप अभ्यासों के लिए एक विमान को तैनात किया है. उन्होंने पत्रकारों से कहा, ‘‘हम बिना किसी सवाल के अपनी रक्षा करेंगे. अगर हमें युद्ध लड़ना पड़ा तो हम युद्ध भी लडेंगे और अगर हमें आखिरी दिन तक अपनी रक्षा करने की जरूरत पड़ी तो हम अंतिम दिन तक अपनी रक्षा करेंगे. ’’ गौरतलब है कि चीन ताइवान की लोकतांत्रिक रूप से निर्वाचित सरकार को मान्यता नहीं देता. चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग (Chi Chinfing) ने कहा दोनों पक्षों के बीच ‘‘एकीकरण’’ को अनिश्चितकाल तक के लिए नहीं टाला जा सकता. चीन की सैन्य क्षमताएं बढ़ने और ताइवान के आसपास उसकी बढ़ती गतिविधियों ने अमेरिका में चिंता पैदा कर दी है. अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता नेड प्राइस ने वाशिंगटन में ताइवान के प्रति अमेरिका की प्रतिबद्धता दोहराई. प्राइस ने बुधवार को कहा, ‘‘अमेरिका बलपूर्वक कार्रवाई और ताकत के ऐसे इस्तेमाल का विरोध करेगा, जिससे ताइवान के लोगों की सुरक्षा या सामाजिक एवं आर्थिक व्यवस्था अस्थिर होती हो. ’’ इस बीच चीन ने ताइवान की खाड़ी के जरिए अमेरिका के एक विध्वंसक जहाज के गुजरने का बृहस्पतिवार को विरोध किया. दोनों देशों के इस क्षेत्र में अपनी नौसैन्य गतिविधि बढ़ाने के बीच यह ताजा कदम है. चीनी सेना की पूर्वी थिएटर कमान के प्रवक्ता झांग चुनहुई ने एक बयान में कहा कि चीन ने बुधवार को यूएसएस जॉन एस मैक्केन पोत को उसके मार्ग से गुजरते देखा.

वू ने एक तरफ चीन की सुलह की कोशिशों और दूसरी तरफ सैन्य धमकियां देने पर बुधवार को कहा कि वे इस द्वीप के निवासियों को ‘‘मिलाजुला संकेत’’ भेज रहे हैं. चीन ताइवान को अपना हिस्सा बताता है. वू ने कहा कि सोमवार को ताइवान के वायु रक्षा क्षेत्र में चीन के 10 युद्धक विमान उड़े और उसने ताइवान के समीप अभ्यासों के लिए एक विमान को तैनात किया है. उन्होंने पत्रकारों से कहा, ‘‘हम बिना किसी सवाल के अपनी रक्षा करेंगे. अगर हमें युद्ध लड़ना पड़ा तो हम युद्ध भी लडेंगे और अगर हमें आखिरी दिन तक अपनी रक्षा करने की जरूरत पड़ी तो हम अंतिम दिन तक अपनी रक्षा करेंगे. ’’ गौरतलब है कि चीन ताइवान की लोकतांत्रिक रूप से निर्वाचित सरकार को मान्यता नहीं देता. चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने कहा दोनों पक्षों के बीच ‘‘एकीकरण’’ को अनिश्चितकाल तक के लिए नहीं टाला जा सकता. चीन की सैन्य क्षमताएं बढ़ने और ताइवान के आसपास उसकी बढ़ती गतिविधियों ने अमेरिका में चिंता पैदा कर दी है. अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता नेड प्राइस ने वाशिंगटन में ताइवान के प्रति अमेरिका की प्रतिबद्धता दोहराई. प्राइस ने बुधवार को कहा, ‘‘अमेरिका बलपूर्वक कार्रवाई और ताकत के ऐसे इस्तेमाल का विरोध करेगा, जिससे ताइवान के लोगों की सुरक्षा या सामाजिक एवं आर्थिक व्यवस्था अस्थिर होती हो. ’’ इस बीच चीन ने ताइवान की खाड़ी के जरिए अमेरिका के एक विध्वंसक जहाज के गुजरने का बृहस्पतिवार को विरोध किया. दोनों देशों के इस क्षेत्र में अपनी नौसैन्य गतिविधि बढ़ाने के बीच यह ताजा कदम है. यह भी पढ़ें : China: चीन ने हांगकांग के चुनाव कानूनों में संशोधनों को मंजूरी दी

चीनी सेना की पूर्वी थिएटर कमान के प्रवक्ता झांग चुनहुई ने एक बयान में कहा कि चीन ने बुधवार को यूएसएस जॉन एस मैक्केन पोत को उसके मार्ग से गुजरते देखा. उन्होंने कहा कि अमेरिका का यह कदम ताइवान की सरकार को ‘‘गलत संकेत’’ भेजता है और वह ‘‘ताइवान की खाड़ी में शांति तथा स्थिरता को खतरे में डालकर क्षेत्रीय स्थिति को जानबूझकर बाधित’’ करना चाहता है. उन्होंने कहा कि चीन इस कदम का कड़ा विरोध करता है और चीनी सेना ‘‘सख्त एहतियाती कदमों और सतर्कता’’ से इसका जवाब देगी. वहीं, अमेरिकी नौसेना ने कहा कि मैक्केन ‘‘अंतरराष्ट्रीय कानून के अनुसार अंतरराष्ट्रीय जलमार्ग के जरिए सात अप्रैल को ताइवान की खाड़ी से आम दिनों की तरह गुजरा. ’’ उन्होंने कहा कि अमेरिका का यह कदम ताइवान की सरकार को ‘‘गलत संकेत’’ भेजता है और वह ‘‘ताइवान की खाड़ी में शांति तथा स्थिरता को खतरे में डालकर क्षेत्रीय स्थिति को जानबूझकर बाधित’’ करना चाहता है. उन्होंने कहा कि चीन इस कदम का कड़ा विरोध करता है और चीनी सेना ‘‘सख्त एहतियाती कदमों और सतर्कता’’ से इसका जवाब देगी. वहीं, अमेरिकी नौसेना ने कहा कि मैक्केन ‘‘अंतरराष्ट्रीय कानून के अनुसार अंतरराष्ट्रीय जलमार्ग के जरिए सात अप्रैल को ताइवान की खाड़ी से आम दिनों की तरह गुजरा. ’’