
मैग्ना कार्टा दुनिया के कई संविधानों और कानून व्यवस्था की नींव माना जाता है. अब शोधकर्ताओं ने दावा किया है कि हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के पास मौजूद मैग्ना कार्टा की एक प्रति, कोई कॉपी नहीं बल्कि मूल मध्यकालीन दस्तावेज है.ब्रिटेन के विशेषज्ञों ने बताया है कि अमेरिका के हार्वर्ड लॉ स्कूल में रखा गया मैग्ना कार्टा, जो पहले एक कॉपी माना जाता था, वह असल में बहुत ही दुर्लभ और असली कॉपी है. यह वर्ष 1300 में इंग्लैंड के राजा एडवर्ड प्रथम ने जारी किया गया था और इसके सात बचे हुए संस्करणों में से एक हार्वर्ड में मौजूद है.
"ग्रेट चार्टर” के नाम से जाना जाने वाला मैग्ना कार्टा पहली बार जून 1215 में लिखा गया था. इसे राजा जॉन ने हस्ताक्षरित किया था. इसी दस्तावेज में पहली बार यह सिद्धांत सामने आया था कि राजा हो या सरकार कोई भी कानून से ऊपर नहीं है. 18वीं शताब्दी में इस दस्तावेज ने स्वतंत्र अमेरिका के घोषणा पत्र और संविधान को तैयार करने में अहम भूमिका निभाई थी.
अमेरिका के श्रम विभाग के महंगाई कैलकुलेटर के अनुसार, हार्वर्ड ने यह दस्तावेज 1940 में सिर्फ 27.50 डॉलर में खरीदा था. जो कि आज के हिसाब से करीब 470 डॉलर हुआ.
क्या नया बताया है विशेषज्ञों ने
किंग्स कॉलेज लंदन और यूनिवर्सिटी ऑफ ईस्ट एंग्लिया (यूईए) के विशेषज्ञों ने दस्तावेज के आकार और उसकी लिखावट का विश्लेषण किया. और इस आधार पर उन्होंने निष्कर्ष निकाला कि यह मैग्ना कार्टा की असली प्रति है.
इसकी लिखावट और आकार पहले से ज्ञात छह असली प्रतियों से मेल खाती हैं, जिन्हें एडवर्ड प्रथम ने कन्फर्मेशन ऑफ द चार्टर्स के तहत जारी किया था.
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किंग्स कॉलेज लंदन में मध्यकालीन इतिहास के प्रोफेसर, डेविड कारपेंटर ने कहा, "यह एक शानदार खोज है. हार्वर्ड की मैग्ना कार्टा को अब एक साधारण, धुंधली और पुरानी प्रति नहीं, बल्कि एक असली ऐतिहासिक दस्तावेज के रूप में समझा जाना चाहिए. एक ऐसा दस्तावेज जो दुनिया के संवैधानिक इतिहास में बेहद महत्वपूर्ण रहा है, और जो आजादी के अतीत, वर्तमान और भविष्य की नींव है.”
यह जानकारी ऐसे समय में सामने आई है, जब ट्रंप प्रशासन ने हार्वर्ड यूनिवर्सिटी की फंडिंग पर रोक लगा दी है. ऐसे में आलोचक इसे मैग्ना कार्टा के बुनियादी सिद्धांतों का उल्लंघन करार दे रहे हैं.