पड़ोसी देश पाकिस्तान (Pakistan) आर्थिक तंगी से तो जूझ ही रहा है लेकिन साथ-साथ ही आतंक यहां लगातार बढ़ रहा है. आतंक के गढ़ पाकिस्तान का सच एक बार फिर दुनिया के सामने आ गया है. पाकिस्तान आतंकी गतिविधियों से प्रभावितों की सूची में अफगानिस्तान से भी आगे निकल गया है. यह खुलासा ऑस्ट्रेलिया स्थित इंस्टीट्यूट फॉर इकोनॉमिक्स एंड पीस (Australia-based Institute for Economics and Peace) ने किया है. 26/11 के मुंबई आतंकवादी हमलों को लेकर भारत ने पाकिस्तान को लगाई फटकार.
ऑस्ट्रेलिया स्थित इंस्टीट्यूट फॉर इकोनॉमिक्स एंड पीस द्वारा जारी वार्षिक ग्लोबल टेररिज्म इंडेक्स (जीटीआई) ने कहा कि इस साल पाकिस्तान ने दक्षिण एशिया में सबसे अधिक आतंकवादी हमलों और मौतों के मामले में अफगानिस्तान को पीछे छोड़ दिया है.
रिपोर्ट के अनुसार दक्षिण एशिया में सबसे अधिक आतंकवादी हमलों और मौत के मामले में पाकिस्तान अब अफगानिस्तान से आगे निकल गया है. पाकिस्तान ने पिछले साल दुनिया भर में आतंकवाद से संबंधित मौतों में दूसरा सबसे बड़ा उछाल दर्ज किया और यह संख्या बढ़कर 643 हो गई.
रिपोर्ट में कहा गया है कि पिछले साल दुनिया भर में आतंकवाद से संबंधित मौतों में पाकिस्तान दूसरे नंबर पर रहा. वहां पिछले साल आतंकी गतिविधियों में मौत का आंकड़ा बढ़कर 643 तक पहुंच गया. यह एक दशक में सबसे बड़ी संख्या है.
रिपोर्ट के अनुसार पाकिस्तान में आतंकवाद पीड़ितों में 55 फीसदी सैन्यकर्मी शामिल रहे हैं. आतंकी घटनाओं में इजाफे की वजह से पाकिस्तान का स्थान सूचकांक में चार पायदान चढ़कर छठे स्थान पर पहुंच गया है. रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि पाकिस्तान में आंतकी घटनाओं के बढ़ने के लिए बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी जिम्मेदार है, जिसने 36 फीसदी आतंकी घटनाओं को अंजाम दिया है.
रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान में बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी की आतंकी घटनाओं में एक साल में नौ गुना इजाफा हुआ है. इसके अलावा तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान ने भी पाकिस्तान में आतंक को बढ़ाया है. ग्लोबल टेररिज्म इंडेक्स ने नोट किया है कि आतंकवाद मुख्य रूप से अफगानिस्तान के साथ पाकिस्तान की सीमा पर केंद्रित है, जिसमें 63 प्रतिशत हमले और 74 प्रतिशत मौतें क्षेत्र में होती हैं.