भूख हड़ताल पर बैठे कैदियों को जबरन खाना खिलाने के मामले में डेमोक्रेटिक सांसदों ने की जांच की मांग
अमेरिकी अधिकारियों द्वारा आव्रजक हिरासत केंद्रों में भूख हड़ताल ( Hunger Strike) कर रहे कैदियों को जबरन खाना खिलाए जाने की खबरों पर भारतीय मूल के तीन डेमोक्रिटक सांसदों सहित 40 से अधिक सांसदों ने जांच की मांग की है.
वाशिंगटन: अमेरिकी अधिकारियों द्वारा आव्रजक हिरासत केंद्रों में भूख हड़ताल (Hunger Strike) कर रहे कैदियों को जबरन खाना खिलाए जाने की खबरों पर भारतीय मूल के तीन डेमोक्रिटक सांसदों सहित 40 से अधिक सांसदों ने जांच की मांग की है. जिन कैदियों को जबरन खाना खिलाया गया, उनमें कुछ भारतीय भी शामिल हैं. यूएस इमिग्रेशन एंड कस्टम्स एन्फोर्समेंट (US Immigration and Customs Enforcement) के अधिकारियों द्वारा भारतीयों सहित कम से कम 13 आव्रजक कैदियों को नाक में नली डालकर उनकी इच्छा के विपरीत जबरन भोज्य पदार्थ दिया गया.
ये कैदी इस महीने के शुरू में टेक्सास स्थित आव्रजन हिरासत केंद्रों में दयनीय हालात के विरोध में भूख हड़ताल पर चले गए थे. सांसदों ने मंगलवार को एक बयान में कहा कि कांग्रेस सदस्य सुजैन बोनामिकी और वेरोनिका एस्कोबार के नेतृत्व में 47 सांसदों ने गृह सुरक्षा विभाग कार्यालय के महानिरीक्षक से आईसीई हिरासत केंद्रों में स्थितियों की जांच करने को कहा.
यह भी पढ़ें: सऊदी अरब को परमाणु प्रौद्योगिकी देने में जल्दबाजी कर सकते हैं राष्ट्रपति ट्रंप: डेमोक्रेट सांसद
इन सांसदों ने यह कदम इन खबरों के बाद उठाया कि भूख हड़ताल के दौरान अपने उपचार और जबरन खाना खिलाए जाने का विरोध करने पर कैदियों को दंडित किया जा रहा है.
पत्र पर 49 डेमोक्रेटिक सांसदों के हस्ताक्षर हैं जिनमें भारतीय मूल के तीन सांसद तुलसी गबार्ड, रोन खन्ना और प्रमिला जयपाल भी शामिल हैं.