भारत के लिए अच्छी खबर: ब्रिटेन की अदालत ने बढ़ाई दाऊद की मुसीबत, डी कंपनी परेशान
ब्रिटेन की एक अदालत ने संगठित अपराध और आंतकी नेटवर्क डी कंपनी के 'शीर्ष प्रतिनिधि' करार दिए गए जबीर मोती को 25 सितंबर तक हिरासत में भेज दिया है
ब्रिटेन की एक अदालत ने संगठित अपराध और आंतकी नेटवर्क डी कंपनी के 'शीर्ष प्रतिनिधि' करार दिए गए जबीर मोती को 25 सितंबर तक हिरासत में भेज दिया है. 51 वर्षीय मोती दक्षिण पश्चिम लंदन की वैंड्सवर्थ की जेल में बंद है और उसे लाइव वीडियो लिंक के जरिए वेस्टमिनिस्टर मजिस्ट्रेट की अदालत में पेश किया गया. अमेरिका ने धन शोधन और उगाही के आरोपों में उसको प्रत्यार्पित करने की मांग की है. यह आरोप कथित रूप से आतंकवाद की आर्थिक मदद से जुड़े हैं.
यह मामला 2005 में एफबीआई की जांच से संबंधित है. इस महीने के शुरू में स्कॉटलैंड यार्ड की एक्सट्राडिशन यूनिट ने मोती को गिरफ्तार किया था. पिछले हफ्ते हुई सुनवाई के दौरान अदालत ने उसे जमानत देने से इनकार कर दिया था. न्यायाधीश मार्क जैबिट ने आज मोती से कहा, 'इस स्तर पर मैं उन्हीं शर्तों पर आपको हिरासत में भेज रहा हूं. चार हफ्ते में अदालत में पेश किया जाए.'
यह भी पढ़े: अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद के बेटे की तरह छोटा शकील का इकलौता बेटा भी बना मौलाना
उसके वकील टॉबी कैडमेन ने अदालत से कहा कि उनके मुवक्किल का पूरा नाम जबीर सिद्दीक है जैसा पाकिस्तानी पासपोर्ट पर है और इसे दर्ज किया जाना चाहिए न कि अस्थायी गिरफ्तारी वारंट पर लिखा जबीर मोतीवाला नाम, जिसके आधार पर 17 अगस्त को स्कॉटलैंड यार्ड ने उसे गिरफ्तार किया था. डी कंपनी का संदर्भ अंडरवर्ल्ड डॉन और भारत के वांछित आतंकवादी दाऊद इब्राहीम से है. वह मुंबई में 1993 में हुए सिलसिलेवार बम धमाकों का मुख्य आरोपी है. मोती को इब्राहीम का वित्तीय प्रबंधक माना जाता है.
भाषा साभार