चार्ली चैपलिन: दिग्गज कॉमेडियन की विरासत को बचाए रखने की कोशिश
फिल्म जगत के दिग्गज चार्ली चैपलिन का आज भी पेरिस में एक ऑफिस है.
फिल्म जगत के दिग्गज चार्ली चैपलिन का आज भी पेरिस में एक ऑफिस है. इसके डायरेक्टर चैपलिन की विरासत को बचाए रखने के लिए हर संभव प्रयास कर रहे हैं.क्या चार्ली चैपलिन जैसी हस्ती को भी एजेंट की जरूरत है? इसका जवाब है, हां!
फिल्म जगत के इस दिग्गज का जन्म इंग्लैंड में हुआ था. उन्होंने हॉलीवुड में अपनी कई लोकप्रिय फिल्में बनाई और अपने जीवन का आखिरी दशक स्विट्जरलैंड में बिताया. फिर भी चैपलिन का कार्यालय पेरिस की एक शांत सड़क पर स्थित है, जो विश्व प्रसिद्ध लूव्र संग्रहालय से बहुत दूर नहीं है.
यह एक छोटी सी जगह है, लेकिन इसका काम काफी बड़ा है. यहां एक समर्पित टीम चार्ली चैपलिन की विरासत की देखभाल के लिए कड़ी मेहनत करती है. 1977 में उनकी मृत्यु के लगभग 47 साल बाद भी वे पहले से कहीं ज्यादा दिखते हैं.
चार्ली चैपलिन के नियंत्रण में सब कुछ
चैपलिन का कार्यालय एक बड़ी संस्था है जो अलग-अलग अधिकार रखने वाली कंपनियों को संभालती है. इसका उद्देश्य दुनिया भर के सभी कॉपीराइट और लाइसेंसिंग मुद्दों को एक जगह पर लाना है.
एक कंपनी चार्ली चैपलिन की निजी और पेशेवर तस्वीरों, घरेलू वीडियो, हस्तलिखित दस्तावेजों और संगीत का प्रबंधन करती है. दूसरी कंपनी के पास चार्ली चैपलिन और उनके ‘लिटिल ट्रैम्प' किरदार के नाम और तस्वीर का ट्रेडमार्क है.
वहीं, एक अन्य कंपनी के पास उनकी फिल्मों का कॉपीराइट है और वह दुनिया भर में अधिकारों और लाइसेंसिंग के लिए जिम्मेदार है. कंपनियों और कॉपीराइट के पूरे समूह को अभी भी चैपलिन का परिवार नियंत्रित करता है.
अपने जीवनकाल में, चार्ली चैपलिन ने अपनी प्रतिभा और अपने व्यापारिक मामलों पर कड़े नियंत्रण के माध्यम से लाखों रुपये कमाए. अधिकांश हॉलीवुड सितारों के विपरीत, चैपलिन ने न केवल अपनी फिल्मों में अभिनय किया, बल्कि उन्होंने अपना खुद का स्टूडियो भी बनाया. उन्होंने अपनी फिल्मों का लेखन, निर्देशन और निर्माण स्वयं किया. बाद में उन्होंने अपनी फिल्मों के लिए साउंडट्रैक भी बनाए.
इस पूरे रचनात्मक नियंत्रण के कारण चैपलिन को 1918 के बाद बनाई गई हर फिल्म (एक अपवाद को छोड़कर) के कॉपीराइट का मालिक बना दिया. इन फिल्मों में ‘द किड', ‘द गोल्ड रश', ‘सिटी लाइट्स', ‘मॉडर्न टाइम्स' और ‘द ग्रेट डिक्टेटर' शामिल हैं.
ब्लैक एंड व्हाइट नहीं है चैपलिन का कार्यालय
चार्ली चैपलिन की तरह, चैपलिन के कार्यालय के प्रमुख अर्नोल्ड लोजानो भी एक मिशन पर हैं. 41 वर्षीय लोजानो एक एजेंट नहीं हैं, बल्कि 21वीं सदी में क्लासिक फिल्म आइकॉन चैपलिन और उनके ‘ट्रैम्प' किरदार को जीवित रखने के लिए जिम्मेदार हैं.
उनका कार्यालय एक संकरी गली के सामने है और इसमें बड़ी खिड़कियां हैं. लगभग हर जगह चैपलिन की यादों से जुड़ी चीजें भरी हुई हैं. जैसे, पोस्टर, फ्रेम वाली तस्वीरें और किताबों से भरी अलमारियां.
हर कोने में ट्रैम्प को मुस्कराते हुए देखकर हंसी रोकना मुश्किल हो जाता है. हंसी के बावजूद, इस जगह पर काफी गंभीरता से काम किया जाता है.
इस कार्यालय के पिछले निदेशक को 10 साल तक सहयोग करने के बाद, लोजानो ने दो साल पहले प्रबंध निदेशक का पद संभाला. वे एक मैक्सिकन अप्रवासी के बेटे हैं. उनका जन्म कैलिफोर्निया में हुआ था और वे वहीं पले-बढ़े. फ्रांस जाने से पहले, उन्होंने फिल्म और मीडिया का अध्ययन किया।
संयोग से, उन्हें एक अंग्रेजी अखबार में नौकरी का विज्ञापन दिखा जिसमें फिल्म संग्रह में मदद करने के लिए किसी व्यक्ति की तलाश थी. इसमें चैपलिन का कोई जिक्र नहीं था और जब लोजानो इंटरव्यू देने पहुंचे, तो उन्हें आश्चर्य हुआ कि ऐसा कोई संगठन भी मौजूद है.
हालांकि, उन्होंने फिल्म का अध्ययन किया था, लेकिन चैपलिन के बारे में उन्हें ज्यादा जानकारी नहीं थी. अब 12 साल बाद, वह इस विषय के विशेषज्ञ बन गए हैं. चैपलिन की फिल्म ‘द सर्कस' की तरह, लोजानो को भी एक संकटपूर्ण स्थिति में काम करना पड़ता है, लेकिन यह संकट अतीत और वर्तमान के बीच है.
लोजानो कहते हैं कि उनका सबसे महत्वपूर्ण काम ‘चैपलिन परिवार की इच्छाओं का सम्मान करना और उनके पिता के काम की रक्षा करना है.' साथ ही, उन्हें ‘इसकी रक्षा करने और इसे जितना हो सके दूर-दूर तक फैलाने के बीच संतुलन बनाए रखना' होगा. यह एक बहुत बड़ी जिम्मेदारी है और सिर्फ तीन अन्य लोग ही जानते हैं कि उन्हें किस तरह की चुनौतियों का सामना करना पड़ता है.
लगातार जारी है काम
चैपलिन के कार्यालय की स्थापना 1953 में हुई थी. तब से इसके सिर्फ चार निदेशक रहे हैं. पहले तीन रेचल फोर्ड, पामेला पॉमियर और केट गयोनवार्च, सभी ने यहां दशकों तक काम किया.
काम लगातार चलता रहा, सब कुछ बहुत आसानी से होता रहा. यह काम बिल्कुल नया था, इसके जैसा कोई और काम नहीं था. इसलिए उन्हें किसी और से सीखने की जरूरत नहीं थी. हालांकि, दुख की बात है कि उनके पास कभी भी बैठकर पुरानी फिल्में देखने का समय नहीं था.
लोजानो और इस कार्यालय के पूर्व निदेशकों के लिए, अधिकांश काम दुनिया भर से आने वाले अनुरोधों का जवाब देना और लाइसेंसिंग सौदे और अनुबंध स्थापित करना है. उनके मुख्य पार्टनर फ्रांस, इटली, स्विट्जरलैंड और अमेरिका में हैं. हालांकि, लोजानो ने जापान से लेकर बोत्सवाना और मंगोलिया तक, हर जगह की कंपनियों के साथ काम किया है.
चैपलिन के परिवार का सहयोग जरूरी है
लोजानो यह सब अकेले नहीं करते हैं. वे एक छोटी सी टीम, चैपलिन के परिवार के सहयोग, डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी mk2 फिल्म्स और सिनेटेका डि बोलोग्ना के साथ साझेदारी पर निर्भर हैं. चैपलिन परिवार के सदस्यों के साथ मिलकर, वह लाइव ऑर्केस्ट्रा स्क्रीनिंग, किताबें, प्रदर्शनियां, डॉक्यूमेंट्री और स्टेज शो जैसे प्रोजेक्ट को मंजूरी देते हैं और उनकी मदद करते हैं.
एक और काम है चैपलिन की मर्चेंडाइज यानि उनकी पहचान से जुड़े सामान बेचना. पिछले कई सालों में, चैपलिन की तस्वीर का इस्तेमाल गुड़िया से लेकर चाय तक, हर चीज बेचने के लिए किया गया है. 1980 के दशक में चैपलिन की तस्वीर का इस्तेमाल करके IBM पर्सनल कंप्यूटर बेचने के लिए एक विज्ञापन कैंपेन चलाया गया था.
आजकल, टीम खुद प्रचार के मौके ढूंढने की कोशिश नहीं करती, बल्कि लोग खुद उनसे संपर्क करते हैं. हर प्रस्ताव पर बारीकी से विचार किया जाता है. हालांकि, अब वे तंबाकू, शराब, जुआ, दवा और राजनीतिक दलों से जुड़े लाइसेंस देने से बचते हैं. फिर भी चार्ली चैपलिन की मूर्तियां, टी-शर्ट, मग और नोटबुक आदि बेचने के बहुत सारे मौके आते हैं.
डीवीडी या टीवी प्रसारण जैसी फिल्मों के वितरण का काम mk2 फिल्म्स को लाइसेंस के तहत दिया गया है, लेकिन सभी सौदों की अंतिम मंजूरी चैपलिन कार्यालय से दी जाती है.
कभी-कभी टीम को कॉपीराइट का उल्लंघन करने वालों के पीछे भी पड़ना पड़ता है. ज्यादातर मामलों में लोगों को यह नहीं पता होता है कि इन फिल्मों पर कॉपीराइट है. ऐसे मामलों में चेतावनी देकर लोगों को छोड़ दिया जाता है और वकीलों की मदद लेनी नहीं पड़ती.
लोजानो कहते हैं कि जब वे चैपलिन की किसी फिल्म के दौरान दर्शकों के साथ बैठते हैं और उन्हें हंसते हुए देखते हैं, तो उन्हें लगता है कि उनका सारा काम सार्थक है.
21वीं सदी में चार्ली चैपलिन की पहचान बनाए रखने की कोशिश
लोजानो यह नहीं बताना चाहते हैं कि चैपलिन के जरिए हर साल उनके कार्यालय की कमाई कितनी होती है, लेकिन यह उन्हें पूरी तरह व्यस्त रखने के लिए पर्याप्त है.
द ट्रैम्प सिर्फ एक किरदार नहीं हैं, बल्कि उससे कहीं ज्यादा उनकी अहमियत है. यह एक ऐसे आदमी का प्रतिनिधित्व करता है जो बड़े लोगों और सत्ता से नहीं डरता है. वह बस एक साधारण, खुशहाल जीवन जीना चाहता है. उसकी कहानी हमें बताती है कि हर कोई खुश रहने का हकदार है, चाहे वह कितना भी छोटा क्यों न हो. यही बात दुनिया के हर कोने में लोगों को पसंद आती है.
जैसे ही ट्रैम्प स्क्रीन पर आता है, बच्चे सबसे पहले हंसने लगते हैं. लोजानो कहते हैं, "चैपलिन की फिल्मों में कॉमेडी के साथ-साथ अविश्वसनीय रूप से पहचानने योग्य मानवीय भावनाएं होती हैं. उनकी सबसे अच्छी फिल्में आज भी उतनी ही अच्छी लगती हैं जितनी पहले लगती थीं.”
हालांकि, कॉपीराइट कानूनों की सुरक्षा समय के साथ खत्म हो जाएगी. अगर कानून में किसी तरह का बदलाव नहीं होता है, तो 2047 में चैपलिन की फिल्मों पर कानूनी सुरक्षा समाप्त हो जाएगी. इसका मतलब है कि चैपलिन के कार्यालय के पास अपनी फिल्मों की सबसे अच्छी कॉपी सुरक्षित रखने के लिए अभी 23 साल का समय है.
भविष्य में जो भी हो, चैपलिन का कार्यालय पैसा कमाता रहेगा और हॉलीवुड की किसी भी अन्य फिल्म या कैरेक्टर की तुलना में चैपलिन की विरासत लंबे समय तक बनी रहेगी.