थाईलैंड का 'Condom King', जिसकी तारीफ में बिल गेट्स ने इंस्टाग्राम पर लिखा पोस्ट

अपने इस पोस्ट में बिल गेट्स ने एक शख्स की तारीफ की है. यह शख्स थाईलैंड के मिचाय वीरावाडिया जिन्हें उनके मुल्क में कॉन्डम किंग के नाम से भी जाना जाता है. बिल गेट्स ने अपने इस पोस्ट में लिखा है वो थाईलैंड में लाखों लोगों की जिंदगी सुधार रहे हैं. उनकी कोशिशों के चलते थाईलैंड में एड्स पीड़ितों की संख्या में कमी आई है.

थाईलैंड का 'Condom King और बिल गेट्स (Photo Credit- Instagram)

दुनिया की सबसे अमीर हस्तियों में से एक और माइक्रोसॉफ्ट के फाउंडर बिल गेट्स का एक इंस्टाग्राम पोस्ट चर्चा का विषय बना हुआ है. अपने इस पोस्ट में बिल गेट्स ने एक शख्स की तारीफ की है. यह शख्स थाईलैंड के मिचाय वीरावाडिया जिन्हें उनके मुल्क में कॉन्डम किंग के नाम से भी जाना जाता है. बिल गेट्स ने इंस्टाग्राम पर मिचाई वीरावैद्या के बारे में लिखते हुए कहा, 'एक ऐसा देश, जहां लोग सेक्स के बारे में बात करने में सहज नहीं हैं. मिचाई वीरावैद्या मुद्दे को सबके सामने ले आए. मिचाई ने थाईलैंड में लाखों लोगों की जिंदगी बदली है.

बिल गेट्स ने अपने इस पोस्ट में लिखा है वो थाईलैंड में लाखों लोगों की जिंदगी सुधार रहे हैं. उनकी कोशिशों के चलते थाईलैंड में एड्स पीड़ितों की संख्या में कमी आई है. वो वहां परिवार नियोजन को लेकर जागरूकता फैला रहे हैं. थाईलैंड के मिचाई वीरावैद्य को मिस्टर कॉन्डम या कॉन्डम किंग कहते हैं. मिचाई वीरावैद्या थाईलैंड के सोशल एक्टिविस्ट हैं और बिल गेट्स ने सोशल मीडिया पर उनकी तारीफ की है.

गेट्स ने आगे लिखा है कि थाई लोगों ने उन्हें इतने बड़े आदर से सम्मानित किया है, जो उनकी कोशिशों के बराबर में ठहरता है. जब लोगों को कॉन्डम खरीदना होता है, तो वो इसे कॉन्डम नहीं कहते, वो इसे उस शख्स के नाम पर बुलाते हैं, जिसने उन्हें इसकी इस्तेमाल की जरूरत को समझाया है. वो इसे मिचाई कहते हैं.' उनके इस इंस्टाग्राम पोस्ट पर 74 हजार से ज्यादा लाइक्स आ चुके हैं.

इसके पहले बिल गेट्स मिचाई पर 'ऑल हेल द कॉन्डम किंग' नाम से एक ब्लॉग पोस्ट भी लिख चुके हैं. उन्होंने वीरावैद्या की कोशिशों पर एक वीडियो भी शेयर किया है.

कौन हैं 'कॉन्डम किंग' मिचाय वीरावाडिया

मिचाय वीरावाडिया थाइलैंड के सामाजिक कार्यकर्ता है. मिचाई वीरावैद्या ने थाईलैंड में परिवार नियोजन और एड्स जागरूकता को लेकर काफी काम किया है. वो लोगों को कॉन्डम के इस्तेमाल के लिए प्रोत्साहित करते हैं. उनकी इन कोशिशों के चलते थाईलैंड उन देशों में शामिल हो गया है, जहां एचआईवी इन्फेक्शन में कमी आई है.

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