ढाका: बांग्लादेश में रविवार को हुए आम चुनावों में प्रधानमंत्री शेख हसीना (PM Sheikh Hasina) जबर्दस्त जीत की तरफ अग्रसर हैं और उनकी पार्टी 300 सदस्यीय सदन में 151 के ‘जादुई आंकड़े’ को पार कर सकती है. वहीं चुनाव से जुड़ी हिंसा में कम से कम 17 लोगों की मौत हो गई जबकि विपक्ष ने धांधली के आरोप लगाते हुए फिर से चुनाव कराने की मांग की है. बीडी न्यूज डॉट 24 के मुताबिक, रात साढ़े 11 बजे तक घोषित परिणामों के मुताबिक सत्तारूढ़ अवामी लीग ने 119 सीटों पर जीत हासिल की है जबकि इसके मुख्य सहयोगी जातीय पार्टी ने 18 सीटें जीती हैं.
मुख्य विपक्षी बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (Bangladesh Nationalist Party) को महज दो सीट हासिल हुई है. चुनाव आयोग ने अभी तक केवल एक सीट गोपालगंज (Gopalganj) के परिणाम की पुष्टि की है जहां से हसीना को 2,29,539 वोट मिले हैं जबकि उनकी प्रतिद्वंद्वी बीएनपी के उम्मीदवार को महज 123 वोट मिले. हार को देखते हुए बांग्लादेश के मुख्य विपक्षी एनयूएफ गठबंधन ने आम चुनावों के परिणाम को खारिज कर दिया है और निष्पक्ष कार्यवाहक सरकार के अधीन फिर से चुनाव कराने की मांग की है. एनयूएफ में मुख्य दल बीएनपी है.
चुनाव आयोग के मुताबिक 300 संसदीय सीटों में से 299 सीटों पर चुनाव हुआ है. इसके लिए 1,848 उम्मीदवार मैदान में हैं. चुनाव के लिए 40,183 मतदान केन्द्र बनाए गए. एक उम्मीदवार के निधन के कारण एक सीट पर चुनाव नहीं हुआ. हसीना चौथी बार प्रधानमंत्री बनने के लिए चुनाव लड़ रही हैं जबकि ढाका जेल में बंद उनकी चिर प्रतिद्वंद्वी और बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) की प्रमुख खालिदा जिया (Khaleda Zia) का भविष्य अधर में लटका नजर आता है. सूचनाओं के मुताबिक, जिया आंशिक रूप से लकवाग्रस्त हैं.
मतदान स्थानीय समयानुसार सुबह आठ बजे शुरू हुआ और शाम चार बजे तक जारी रहा. चुनाव आयोग के एक प्रवक्ता ने बताया कि आठ घंटे तक चली मतदान प्रक्रिया तय कार्यक्रम के अनुसार संपन्न हुयी. उन्होंने कहा कि सोमवार सुबह तक गैर आधिकारिक परिणाम आने की उम्मीद है.
चुनाव अधिकारियों ने बताया कि देश भर से उम्मीदवारों से सैकड़ों शिकायतें मिली. ‘डेली स्टार’ (Lady Star) अखबार के मुताबिक, चुनाव से जुड़ी हिंसा में एक सुरक्षा बल सहित कम से कम 17 लोगों के मारे जाने की खबर है. दर्जनों लोगों के घायल होने की भी सूचना है.
खबरों में कहा गया है कि मारे गए लोगों में अधिकतर सत्तारूढ़ पार्टी के कार्यकर्ता थे जबकि अन्य बीएनपी तथा उसके सहयोगी दल के कार्यकर्ता थे. राजधानी के ढाका (Dhaka) सेन्टर में सबसे पहले प्रधानमंत्री शेख हसीना ने वोट डाला. हसीना के रिश्तेदार एवं पार्टी सांसद फजले नूर तापस इस सीट से चुनाव लड़ रहे हैं. वोट डालने के बाद हसीना ने कहा, ‘‘मुझे हमेशा चुनाव में हमारी जीत का यकीन रहता है...मुझे अपने लोगों पर यकीन है और मुझे पता है कि वे हमें चुनेंगे ताकि उन्हें बेहतर भविष्य मिल सके.’’ बांग्लादेश में सभी स्कूलों और कॉलेजों को रविवार के लिए मतदान केन्द्र बनाया गया.
लोग सुबह आठ बजे मतदान शुरू होने से पहले ही केन्द्रों पर कतार में लग गए थे. कम से कम 10 उम्मीदवारों ने आरोप लगाया कि उनके पोलिंग एजेंट को मतदान केंद्र से बाहर कर दिया गया . इनमें अधिकतर उम्मीदवार बीएनपी के हैं. बीएनपी के रुहुल कबीर रिजवी (Ruhul Kabir Rizvi) ने आरोप लगाया कि देश के मतदान केन्द्रों पर कब्जा किया गया और उनकी पार्टी के एजेंटों को बाहर निकाल दिया गया.
रिजवी ने पार्टी कार्यालय में संवाददाता सम्मेलन में कहा,‘‘हमें जैसा कि पता चला है, यह हिंसा वाला चुनाव है. हमें सरकार के इशारे पर एकतरफा चुनावी माहौल देखने को मिल रहा है. बीएनपी के महासचिव मिर्जा फकरूल इस्लाम आलमगीर (Mirza Fakhrul Islam Alamgir) ने कहा ‘‘उनकी पार्टी के कुछ उम्मीदवारों का मतदान से दूर रहने का फैसला ‘‘निजी’’ है लेकिन मतदान खत्म होने के बाद हम शाम चार बजे अपना रुख स्पष्ट करेंगे.’’ हालांकि, मतदान खत्म होने के बाद भी कोई घोषणा नहीं की गयी.
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हजारों सैनिकों और अर्द्धसैनिक बलों सहित छह लाख सुरक्षाकर्मियों को स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव कराने के लिए तैनात किया गया. देश में 10.41 करोड़ मतदाता पंजीकृत हैं. मुख्य चुनाव आयुक्त नूरुल होदा ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘कुछ अप्रिय घटनाओं को छोड़कर मतदान सुचारू और शांतिपूर्ण रहा.’’सुरक्षा कारणों से अस्थायी तौर पर मोबाइल डेटा सेवाएं रोक दी गयी और इंटरनेट की रफ्तार धीमी कर दी गई.