बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने कहा- 'भारत हमारा सच्चा दोस्त'
बांग्लादेश की पीएम शेख हसीना (Photo Credit-PTI)

ढाका, 18 दिसंबर: साल 1971 के लिबरेशन वार में भारत (India) की भूमिका को याद करते हुए बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना (Sheikh Hasina) ने अपने भारतीय समकक्ष नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) के साथ एक वर्चुअल बैठक के दौरान कहा कि 'भारत हमारा सच्चा दोस्त है.' हसीना ने कहा, "भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ 1971 की लड़ाई में हमारी मदद की. उनके सैनिकों ने अपने प्राणों की आहुति दी. हमारे संबंध समय के साथ साबित हुए हैं." मोदी ने गुरुवार को वर्चुअल समिट में कहा कि उनकी सरकार ने सत्ता में आने के बाद से ही बांग्लादेश के साथ मजबूत संबंध बनाए रखने पर ध्यान केंद्रित किया. मोदी ने कहा कि बांग्लादेश भारत की 'नेबरहुड फस्र्ट' नीति का एक महत्वपूर्ण स्तंभ है. साथ ही उन्होंन कहा, "मैं हमारे रिश्ते को और मजबूत करना चाहता हूं. हम बंगबंधु की विरासत का सम्मान करते हैं."

यह शिखर सम्मेलन भारत द्वारा साल 1971 में भारत-पाकिस्तान युद्ध में पाकिस्तान पर राष्ट्र की जीत की 50वीं वर्षगांठ मनाए जाने के एक दिन बाद हुआ. इस युद्ध को बांग्लादेश लिबरेशन वार भी कहा जाता है. हसीना ने कहा, "मैं अपने जान की बाजी लगाने वाले उन तीस लाख शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित करती हूं. मैं युद्ध में शहीद हुए भारतीय सशस्त्र बलों के सदस्यों और उनके परिवारों को श्रद्धांजलि अर्पित करती हूं. मैं कर्नल अशोक तारा और सरकार और भारत के लोग, जिन्होंने हमारे राष्ट्र के लिए अपना समर्थन बढ़ाया उनके प्रति आभार जताती हूं."

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गौरतलब है कि 17 दिसंबर, 1971 को कर्नल तारा ने तब हसीना और उनके परिवार के सदस्यों को पाकिस्तान की कैद से बचाया था. पाक ने चार महीने तक उन्हें बंधक बनाए रखा था. इसके अलावा दोनों नेताओं ने भारत और बांग्लादेश के बीच चिल्हाटी-हल्दीबाड़ी रेल लिंक का भी उद्घाटन किया, जो लगभग 55 वर्षों से बंद पड़ा था. मोदी और हसीना ने संयुक्त रूप से शेख मुजीबुर्रहमान और महात्मा गांधी पर एक डिजिटल प्रदर्शनी का उद्घाटन किया और साथ ही इन प्रतिष्ठित नेताओं की विरासत का जश्न मनाया.

मोदी ने कहा, "बंगबंधु और बापू की प्रदर्शनी का शुभारंभ करना हमारे लिए सम्मान की बात है." वहीं हसीना ने कहा कि वह फिर से उनसे मिलकर खुश हैं, "खासकर जीत के इस महीने पर." उन्होंने कहा, "दिसंबर में सभी बांग्लादेशियों में खुशी, स्वतंत्रता और उत्सव की भावना पैदा होती है, क्योंकि हम अपने 'राष्ट्रपिता' बंगबंधु शेख मुजीबुर्रहमान को गहरी कृतज्ञता के साथ याद करते हैं जिनके नेतृत्व में हमने अपनी महान स्वतंत्रता पाई है.'"