मेलबर्न: ऑस्ट्रेलिया (Australia) के प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन (Scott Morrison) की अगुवाई वाले सत्ताधारी रूढ़िवादी गठबंधन ने शनिवार को ‘‘चमत्कारिक’’ तरीके से वापसी की और उसकी सरकार बनना लगभग तय है. एग्जिट पोलों (चुनाव बाद के सर्वेक्षणों) के पूर्वानुमान के उलट इस गठबंधन ने सबसे ज्यादा सीटें जीती हैं. एग्जिट पोलों में विपक्षी लेबर पार्टी की जीत का पूर्वानुमान व्यक्त किया गया था.
अपनी अगली संसद और अगला प्रधानमंत्री चुनने के लिए ऑस्ट्रेलिया के मतदाताओं ने शनिवार को मतदान किया. यह चुनाव मुख्य रूप से जलवायु परिवर्तन के मुद्दे पर लड़ा गया था. देश में करीब पांच हफ्ते तक चले चुनाव प्रचार के बाद शनिवार को 1.6 करोड़ ऑस्ट्रेलियाई मतदाताओं ने देश का 31वां प्रधानमंत्री चुनने के लिए मतदान किया.
मतदान खत्म होने के बाद नाइन-गैलेक्सी पोल ने चुनाव बाद के सर्वेक्षणों में पूर्वानुमान व्यक्त किया कि मध्य-वाम लेबर पार्टी की जीत होगी और लिबरल पार्टी की अगुवाई वाला गठबंधन परास्त होगा.
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एग्जिट पोल में दिखाया गया कि लिबरल गठबंधन को हराकर लेबर को 151 सदस्यीय प्रतिनिधि सभा (संसद के निचले सदन) में 82 सीटें मिलेंगी.
शुक्रवार को मीडिया रिपोर्टों में भी लेबर पार्टी के नेता बिल शॉर्टेन (Bill Shorten) के प्रधानमंत्री बनने की संभावनाएं व्यक्त की गई थीं.
प्रतिनिधि सभा में बहुमत हासिल करने के लिए किसी पार्टी को 76 सीटों पर जीत हासिल करनी होती है. लिबरल गठबंधन के पास अभी 73 सीटें हैं जबकि लेबर के पास 72 सीटें हैं. मॉरिसन ने सिडनी में लिली पिली पब्लिक स्कूल में मतदान किया जबकि शॉर्टेन ने मेलबर्न में अपना वोट डाला.
विपक्षी लेबर पार्टी को सीटों की अब तक की गणना में 65 सीटों पर जीत हासिल हुई है. इन नतीजों के बाद शॉर्टेन ने हार मान ली और कहा कि वह पार्टी के नेता के तौर पर इस्तीफा दे देंगे.
नतीजों पर यकीन नहीं कर पा रहे अपने समर्थकों को संबोधित करते हुए शॉर्टेन ने कहा कि अभी लाखों वोटों की गिनती बाकी है, लेकिन कोई गलत उम्मीद दिखाने की चाहत के बगैर वह साफ करना चाहते हैं कि लेबर पार्टी अगली सरकार नहीं बना सकेगी.
शॉर्टेन ने कहा, ‘‘मैंने स्कॉट मॉरिसन को फोन कर उन्हें बधाई दी है....उन्हें शुभकामनाएं दी हैं कि वह पूरे सौभाग्य और साहस के साथ देश की सेवा करें. राष्ट्रहित में इससे कम नहीं होना चाहिए.’’
अब तक यह साफ नहीं है कि लिबरल गठबंधन को अपने दम पर बहुमत मिल जाएगा या उसे निर्दलीय सांसदों की साझेदारी की जरूरत पड़ सकती है.
मीडिया की खबरों के मुताबिक, जब सत्ताधारी लिबरल समर्थकों ने देखा कि अगली सरकार उनकी पार्टी की बनने का रास्ता साफ हो गया कि उन्होंने पार्टी मुख्यालय पर जश्न मनाना शुरू कर दिया.