Attacks on Journalist: पिछले एक साल में पाकिस्तान में पत्रकारों पर हमले के मामले 40 फीसदी बढ़े
Flag of Pakistan (Photo Credit : pixabay )

इस्लामाबाद, 1 मई: पिछले एक साल में पाकिस्तान में पत्रकारों, मीडिया पेशेवरों और मीडिया संगठनों के खिलाफ धमकियों और हमलों के कम से कम 140 मामले दर्ज किए गए हैं, जो 60 प्रतिशत से अधिक की वार्षिक वृद्धि है. डॉन की रिपोर्ट के मुताबिक, मीडिया राइट्स वॉचडॉग फ्रीडम नेटवर्क द्वारा तैयार की गई वार्षिक पाकिस्तान प्रेस फ्रीडम रिपोर्ट में दिखाया गया है कि इस्लामाबाद पत्रकारिता के लिए सबसे जोखिम भरा स्थान है. यह भी पढ़ें: रूस यूक्रेन के बीच मध्यस्थ क्यों बनना चाहता है चीन

उल्लंघन के 35 (25 प्रतिशत) मामलों के साथ पंजाब दूसरा सबसे प्रभावित शहर था, इसके बाद सिंध में 32 (23 प्रतिशत) मामले थे. 3 मई को मनाए जाने वाले विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस से पहले जारी की गई रिपोर्ट में कहा गया है कि हाल के महीनों में देश के मीडिया का माहौल जोखिम भरा और अधिक हिंसक हो गया है। मई 2022 और मार्च 2023 के बीच हमलों की संख्या 63 प्रतिशत बढ़कर 140 हो गई, जो 2021-22 में 86 थी.

रिपोर्ट में समीक्षाधीन अवधि में पाकिस्तान में कम से कम पांच पत्रकारों की हत्याओं का भी दस्तावेजीकरण किया गया है. फ्रीडम नेटवर्क के कार्यकारी निदेशक इकबाल खट्टक ने कहा, "पत्रकारों के खिलाफ हिंसा में वृद्धि परेशान करने वाली है और तत्काल ध्यान देने की मांग करती है."

उन्होंने कहा, "स्वतंत्र पत्रकारिता पर हमले आवश्यक जानकारी तक पहुंच को अवरुद्ध करते हैं, जो विशेष रूप से चल रहे राजनीतिक और आर्थिक संकटों के दौरान हानिकारक है जब जनता को मुद्दों को समझने और उनका जवाब देने के लिए विश्वसनीय समाचार की आवश्यकता होती है." पाकिस्तान में 11 महीने की अवधि में पत्रकारों पर हुए 140 हमलों से पता चलता है कि महीने में 13 मामले होते हैं, या लगभग हर दूसरे दिन प्रेस की स्वतंत्रता का उल्लंघन होता है.