Afghanistan में कब्जे के बाद जिनपिंग ने तालिबान की ओर बढ़ाया दोस्ती का हाथ, संकट में भी कैसे अपना फायदा खोज रहा चीन!
राजधानी काबुल पर कब्जा करने के बाद तालिबान (Taliban) ने पूरे अफगानिस्तान (Afghanistan) पर अपने कब्जे की घोषणा कर दी है. लोगों में तालिबानी आतंकियों का इतना ज्यादा खौफ है कि लोग किसी भी कीमत पर देश से बाहर निकलना चाहते हैं. लेकिन एक ओर जहां तालिबान के कब्जे के बाद दुनियाभर में जहां उसकी निंदा हो रही है वहीं चीन (China) दुनिया का एक मात्र देश है जो संकट की इस घड़ी में भी अपना फायदा खोज रहा है. चीन ने तालिबानी आंतकियों (China-Taliban Relationship) की ओर दोस्ती का हाथ बढ़ाया है और उसके अफगानिस्तान में सत्ता संभालने के बाद उसका स्वागत किया है.
तालिबान के कब्जे के बाद चीन और तालिबान के बीच बातचीत
चीन ने कहा है कि वो तालिबानी आतंकियों से "दोस्ताना रिश्ते" कायम करने के लिए तैयार है. न्यूज एजेंसी एएफपी के मुताबिक, चीन ने अफगानिस्तान में तालिबान के सत्ता में आने के बाद उससे संपर्क किया और दोनों देशों के बीच हेल्दी रिलेशन की बातचीत हुई.
चीनी विदेश मंत्रालय की ओर से आया ये बयान
वहीं चीनी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता हुआ चुनयिंग ने इस मामले में मीडिया से बातचीत में कहा कि, "स्वतंत्र रूप से अपने भाग्य का निर्धारण करने के अफगान के लोगों के अधिकार का चीन सम्मान करता है और अफगानिस्तान के साथ मैत्रीपूर्ण और सहयोगात्मक संबंध विकसित करना जारी रखना चाहता है."
सब बंद लेकिन काबुल में अब खुला है चीनी दूतावास
अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में एक ओर जहां हालात बदतर हैं लोग मर रहे हैं. सभी देशों के दूतावास बंद हो चुके हैं. विभिन्न देशों ने अपने-अपने नागरिकों को दूतावास से रेस्क्यू कर लिया है लेकिन काबुल में एक मात्र चीनी दूतावास अब भी पूर्व की तरह काम कर रहा है. इस मामले में चीनी विदेश मंत्रालय ने अपने बयान में कहा कि, काबुल में चीन के दूतावास पर उसके कर्मचारी पूर्व की तरह काम कर रहे हैं.
चीन तालिबान के साथ मिलकर भारत के खिलाफ रणनीति बना सकता है
वहीं चीन न सिर्फ भारत के लिए बल्कि कोरोना वायरस के बाद दुनिया भर के लिए खतरा बनकर उभरा है. एशियाई देशों में चीन और भारत और एक-दूसरे के प्रतिद्वंदी हैं. चीन पहले ही पाकिस्तान को सपोर्ट कर रहा है. अब उसकी योजना तालिबान के साथ मिलकर भारत के खिलाफ रणनीति तैयार करने पर हो सकती है.
तालिबानी नेता मुल्ला अब्दुल गनी बरादर के राष्ट्रपति बनने की संभावना
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, कट्टरपंथी इस्लामिक संगठन तालिबानी नेता मुल्ला अब्दुल गनी बरादर अफगानिस्तान का नया राष्ट्रपति घोषित किया जा सकता है. रिपोर्ट्स के मुताबिक, मुल्ला अब्दुल गनी बरादर ने एक वीडियो सामने आया है, जिसमें अफगानिस्तान पर बेहद कम वक्त में तालिबान का नियंत्रण स्थापित होने को लेकर उसने खुशी जाहिर की है.
भारत की अफगान में कई योजनाएं
अफगानिस्तान और भारत के बीच शुरू से अब तक बेहतर रिश्ते रहे हैं. यही कारण है कि भारत की कई योजनाएं अफगानिस्तान में चल रही है. भारत ने व्यापारिक दृष्टि से अफगानिस्तान में बड़ा इंवेस्टमेंट किया है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, अगर ये योजाएं बंद होती है भारत को कम से कम 23 हजार करोड़ रुपये का नुकसान होने की संभावना है. इससे पहले भारत अपने दोस्त अफगान को एक लड़ाकू विमान गिफ्ट कर चुका है लेकिन इस पर भी तालिबानी आतंकियों ने कब्जा कर लिया है.
काबुल एयरपोर्ट पर भगदड़ में पांच की मौत
राष्ट्रपति अशरफ गनी पहले ही देश छोड़ चुके हैं. अफगानिस्तान की राजधानी काबुल के एयरपोर्ट पर जुटी हजारों की भीड़ के बीच मची भगदड़ में कम से कम 5 लोगों की मौत हो गई है. जबकि सोशल मीडिया पर एक वायरल वीडियो में देखा जा सकता है कि लोग उड़ते हवाई जहाज से नीचे गिरते दिखाई दे रहे हैं. घटना की कई तस्वीरें दिल दहला देने वाली है. तस्वीरों में दिखता लोगों के चेहरे का डर साफ बताता है कि वहां आतंक का कितना खौफ है.
तालिबान ने लोगों से कहा कि वो अब और हिंसा नहीं करना चाहता. वह एक राजनीतिक संगठन के रूप में देश का संचालन करेगा. लेकिन आज आई तस्वीरों में साफ देखा सकता है कि कैसे तालिबानी आतंकी राष्ट्रपति भवन में बंदूके लहराते हुए दिख रहे हैं.