जर्मनी में 46 लाख लोगों को जुए की लत या उसका खतरा

जर्मनी में जुए की लत पर नई रिपोर्ट आने के बाद जर्मनी के ड्रग मामलों के प्रभारी ने इसके खिलाफ कदम उठाने की मांग की है और कहा है कि टेलिविजन पर स्पोर्ट बेटिंग के प्रचार पर रोक लगनी चाहिए.

प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo Credit: Image File)

जर्मनी में जुए की लत पर नई रिपोर्ट आने के बाद जर्मनी के ड्रग मामलों के प्रभारी ने इसके खिलाफ कदम उठाने की मांग की है और कहा है कि टेलिविजन पर स्पोर्ट बेटिंग के प्रचार पर रोक लगनी चाहिए.जर्मनी में लगभग 13 लाख वयस्क लोग गेमिंग डिसऑर्डर से पीड़ित हैं जबकि दूसरे 33 लाख लोगों में जुए की लत के शुरुआती लक्षण पाए गए हैं. ये आंकड़े जर्मनी के संघीय ड्रग कमिश्नर बुर्कहार्ड ब्लीनर्ट ने अपनी रिपोर्ट में दिए हैं. 2021 में संकलित आंकड़ों पर आधारित "द गैंबलिंग एटलस" रिपोर्ट के मुताबिक, 30 फीसदी जर्मन वयस्क जुआ खेलते हैं. यह संख्या 2007 में हुई 55 फीसदी की गणना से कम है.

देश के 7.7 प्रतिशत वयस्क इस लत की वजह से वित्तीय, सामाजिक या स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं से जूझते पाए गए. ड्रग कमिश्नर ब्लीनर्ट ने रिपोर्ट पेश करते हुए कहा, "जुआ शायद ही कभी खेल रहे लोगों को खुश करता है." जबकि जर्मन सेंटर फॉर एडिक्शन इश्यूज (डीएचएस) की क्रिस्टीना रूमेल का कहना है, "जुआ एक बीमारी है."

युवा पुरुषों और प्रवासियों को ज्यादा खतरा

जर्मनी में जुए की लत पर ये रिपोर्ट हैम्बर्ग के इंस्टीट्यूट फॉर इंटरडिसिप्लिनरी एडिक्शन एंड ड्रग रिसर्च, हाम में स्थित जर्मन सेंटर फॉर एडिक्शन इश्यूज और ब्रेमेन विश्वविद्यालय में जुआ अनुसंधान विभाग ने संयुक्त रूप से प्रकाशित की है. यह जर्मनी में जुए की मौजूदा स्थिति की तस्वीर देती है. रिपोर्ट के अनुसार 21 से 35 वर्ष के पुरुषों और युवा वयस्कों को खासतौर पर जुए की परेशानियों का खतरा होता है. इसी तरह मनोवैज्ञानिक विकारों से पीड़ित और ज्यादा शराब पीने वाले लोग भी खतरे की जद में होते हैं.

रिपोर्ट ने जुए की लत को "अत्यधिक और विनाशकारी हिस्सेदारी” बताया है. इस दौरान जुआरी आपा खो देते हैं. ज्यादा से ज्यादा पैसों का जुआ खेलते हैं. वे अपनी लत को छिपाने के लिए झूठ बोलते हैं और अपने समाज से अलग हो जाते हैं. यह लत प्रवासी लोगों में ज्यादा जोखिम भरी होती है. जुआ विशेषज्ञ टोबियास हेयर के अनुसार ट्रॉमा से गुजर रहे प्रवासियों के लिए यह खुद की दवा का काम कर सकता है. ये वे लोग हैं, जो सामाजिक और आर्थिक रूप से संघर्ष कर रहे हैं.

लाइव खेल में सट्टेबाजी

कोविड-19 महामारी ने जुए की लत की समस्या में आग में घी डालने का काम किया है. इस दौरान कमजोर लोगों ने खुद को अकेलेपन और वित्तीय दबाव में के तले दबा हुआ महसूस किया. रिपोर्ट में लाइव स्पोर्ट्स में बढ़ती सट्टेबाजी को जुए की लत बढ़ाने के लिए अहम माना है. इसमें फुटबॉल का किरदार बड़ा है. बीविन नाम की सट्टेबाजी कंपनी की जर्मन फुटबॉल एसोसिएशन (डीएफबी) और देश के नामी क्लबों बोरुसिया डॉर्टमुंड, यूनियन बर्लिन, कोलोन, सेंट पॉली और डायनमो ड्रेसडेन के साथ आधिकारिक साझेदारी है.

जर्मनी में सट्टेबाजी विज्ञापनों के संपर्क में आए बिना लाइव फुटबॉल देखना लगभग नामुमकिन है. बायर्न म्यूनिख के पूर्व कप्तान ओलिवर कान 2012 और 2020 के बीच आठ साल तक सट्टेबाजी कंपनी टिपिको का चेहरा थे.

ड्रग्स कमिश्नर ब्लीनर्ट ने कहा, "जब आप अपने स्मार्टफोन पर बुंडेसलीगा के नतीजों को देखते हैं, तो आपको तुरंत खेल सट्टेबाजी कंपनियों के ऑफर दिखने लगते हैं.” ब्लीनर्ट ने जुए को लाइव स्पोर्ट्स के साथ जोड़कर समस्या की गंभीरता को कम करने की बात कही. उन्होंने इससे जुड़े खतरों की चेतावनी देते हुए ज्यादा कड़े प्रतिबंध लाने की सलाह दी.

उन्होंने रात 11 बजे से पहले टेलीविजन पर जुए के विज्ञापन पर प्रतिबंध लगाने की मांग की. पिछले साल जर्मन जुआ उद्योग ने 13.4 अरब यूरो का रिकॉर्ड टर्नओवर दर्ज किया. जर्मनी ने अकेले 2021 में कानूनी जुए से 5.2 अरब यूरो टैक्स के तौर पर कमाए. इस ताकतवर लॉबी वाली इंडस्ट्री से सरकार ने शराब से भी दोगुना ज्यादा टैक्स वसूला.

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