Wuhan में दिसंबर 2019 में कोविड के 13 वेरिएंट पाए गए थे- डब्ल्यूएचओ टीम

चीन के वुहान शहर में कोविड-19 (कोरोना वायरस) की उत्पत्ति की जांच करने गई विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की टीम ने एक रिपोर्ट में दावा किया है कि दिसंबर, 2019 में ही कोरोना वायरस के व्यापक फैलाव के संकेत मिल चुके थे.

कोरोना वायरस (Photo Credits: Pixabay)

चीन के वुहान शहर में कोविड-19 (कोरोना वायरस) की उत्पत्ति की जांच करने गई विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की टीम ने एक रिपोर्ट में दावा किया है कि दिसंबर, 2019 में ही कोरोना वायरस के व्यापक फैलाव के संकेत मिल चुके थे. वुहान में WHO के जांचकर्ताओं की एक टीम का नेतृत्व करने वाले पीटर बेन एम्बरेक ने कहा कि हुबेई प्रांत शहर में SARS-COV-2 वायरस के 13 अलग-अलग आनुवांशिक अनुक्रम पाए गए, विश्लेषण के लिए हजारों और ब्लड सैम्पल्स मांगे गए हैं. जिससे पता चलता है कि चीन में संक्रमण पहले से ही घूम रहा था.

वुहान को व्यापक रूप से प्रकोप का "ग्राउंड ज़ीरो" माना जाता है, हालांकि इसकी सटीक उत्पत्ति और समय सीमा पर बहस जारी है, कुछ रिपोर्टों के अनुसार बीमारी यूरोप में अक्टूबर महीने की शुरुआत में मौजूद थी. सोमवार को प्रकाशित सीएनएन के साथ एकइंटरव्यू में एम्ब्रेक ने नेटवर्क को बताया "हमारी नयी खोज में पता चला है कि वायरस दिसंबर महीने में वुहान शहर में व्यापक रूप से घूम रहा था. यह भी पढ़ें: Wuhan Coronavirus: क्या चीनी सांप है इस घातक वायरस की वजह?

मिस्टर एम्ब्रेक ने कहा कि चीनी अधिकारियों ने अपनी टीम को कोरोनोवायरस के 174 मामलों को दिसंबर 2019 में वुहान क्षेत्र के पास बताया था, जिनमें से लगभग 100 लैब टेस्ट में कन्फर्म हुए थे. शेष मामलों में रोगियों की क्लिनिकल जांच में पहचान की गई थी. उन्होंने कहा कि यह सुझाव दिया गया था कि दिसंबर तक वुहान में बीमारी के 1,000 से अधिक मामले हो सकते हैं. उन्होंने कहा कि हमने तब से कोई मॉडलिंग नहीं की है. "लेकिन हम जानते हैं, बड़े बॉलपार्क आंकड़ों में संक्रमित आबादी में से लगभग 15 प्रतिशत गंभीर, माइल्ड और विशाल होते हैं.

एम्ब्रेक ने कहा कि 2019 में पूरे चीन के अन्य रोगी डेटा की जांच की गई, ये डाटा 13 वेरिएंट की उत्पत्ति में महत्वपूर्ण सुराग प्रदान कर सकते हैं. उन्होंने कहा "कुछ वेरिएंट बाजारों से हैं, उनमें से कुछ बाजारों से जुड़े नहीं हैं. यह कुछ ऐसा है जिसे हमने अपने मिशन के हिस्से के रूप में पाया है. एम्ब्रेक का ये कमेन्ट वुहान मिशन पर ब्रिटेन के एक वैज्ञानिक द्वारा लैब में रिसाव द्वारा संक्रमण की बात इनकार करने के बाद आयी. यह भी पढ़ें: Coronavirus: चीनी वैज्ञानिकों का दावा- पूरी दुनिया में भारत से कोरोना महामारी फैला

पूर्व डिप्टी चीफ मेडिकल ऑफिसर, प्रोफेसर जॉन वॉटसन ने कहा कि वायरस के फैलने का बहुत संभव स्रोत चीन है. रिपोर्ट है कि वायरस दुनिया के अन्य हिस्सों में घूम रहा था. सितंबर और अक्टूबर के शुरू में विशेष रूप से उत्तरी इटली में घूम रहा था.

उन्होंने बताया कि अब जक जांच से पता चला है कि कोविड के फ़ैलने का बहुत संभव स्रोत चीन है, ”उन्होंने बीबीसी वन के द एंड्रयू मार्र शो को बताया. नवंबर में मिलान में नेशनल कैंसर इंस्टीट्यूट (INT) द्वारा जारी एक अध्ययन से पता चला है कि सितंबर 2019 में नया कोरोनोवायरस इटली में घूम रहा था.

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