हेट स्पीच को रोकने के लिए जर्मनी में नया कानून
इंटरनेट पर गैर-कानूनी कंटेट का प्रसार रोकने की जिम्मेदारी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्मों की भी होगी.
इंटरनेट पर गैर-कानूनी कंटेट का प्रसार रोकने की जिम्मेदारी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्मों की भी होगी. जर्मन सरकार इसके लिए एक नया कानून लाने जा रही है. यूरोपीय संघ का डिजिटल सर्विसेस एक्ट इस साल 25 अगस्त से लागू हो रहा है.जर्मनी के डिजिटल मामलों के मंत्री फोल्कर वीसिंग ने नए डिजिटल सर्विस कानून का मसौदा पेश करते हुए कहा है, "यूरोप में हमने इसके लिए स्पष्ट कानून बनाया है ताकि इंटरनेट पर लोग सुरक्षित और स्वतंत्र महसूस कर सकें." जर्मन मंत्री ने कहा कि जिन बातों पर ऑफलाइन रोक है, वे ऑनलाइन भी प्रतिबंधित होनी चाहिए. इसलिए इसमें अपमान या गाली गलौज, हिंसा का आह्वान करने या पहचान का गलत इस्तेमाल करने के मामलों को रोकने की जिम्मेदारी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्मों की भी है.
जर्मनी का यह नया कानून यूरोपीय संघ के डिजिटल सर्विसेज एक्ट का विस्तार होगा. जर्मनी की संघीय नेट एजेंसी को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्मों की निगरानी का अधिकार होगा. इस तरह जर्मनी में ऑनलाइन सर्विस कंपनियों की जिम्मेदारियों को लागू करवाया जा सकेगा. नया कानून जर्मनी में डिजिटल कंपनियों के लिए कानूनी आधार को बेहतर बनाएगा और डिजिटल सर्विसेज एक्ट का पालन नहीं करने के मामलों में जुर्माने के प्रावधान को स्पष्ट करेगा. नए नियमों के तहत डिजिटल प्लेटफॉर्म चलाने वालों पर उनकी वार्षिक आय का छह प्रतिशत जुर्माना लगाया जा सकता है.
यूजर को शिकायत का अधिकार
अगर ऑनलाइन प्लेटफॉर्म डिजिटल सर्विसेज एक्ट का पालन नहीं कर रहे हैं, तो यूजर को जर्मन नेटवर्क एजेंसी में शिकायत करने का अधिकार होगा. यह कानून 4.5 करोड़ से ज्यादा यूजरों वाले बड़े ऑनलाइन प्लेटफॉर्मों और सर्च इंजनों पर लागू होगा. 19 कंपनियों को इस श्रेणी में रखा गया है. इनका पालन करवाने और पालन नहीं होने की स्थिति में जुर्माना लगाने की जिम्मेदारी यूरोपीय संघ की है. जर्मन डिजिटल मंत्रालय के अनुसार, छोटी कंपनियों के लिए नए नियम फरवरी 2024 से लागू होंगे. इन मामलों में कानूनों को लागू करवाने की जिम्मेदारी यूरोपीय संघ के सदस्य देशों की होगी.
यूरोपीय आयोग ने नए डिजिटल सर्विसेज एक्ट के तहत अप्रैल में X (ट्विटर), फेसबुक, टिकटॉक सहित कई गूगल प्लेटफॉर्मों को बहुत बड़ा ऑनलाइन प्लेटफॉर्म या बहुत बड़ा सर्च इंजन की सूची में रखा था. इसके बाद इन कंपनियों को गैर-कानूनी कंटेट के खिलाफ यूरोपीय संघ में बेहद कड़े नियमों का पालन करना होगा. इन कानून का लक्ष्य यह है कि ऑनलाइन प्लेटफॉर्म गैर-कानूनी कंटेट को अभी के मुकाबले जल्द से जल्द हटाएंगे.
ऑनलाइन कंपनियां और इंटरनेट की आजादी
इंटरनेट आजादी के लिए काम करने वाले दर्जनों संगठनों ने यूरोपीय संघ से अपील की है कि बड़ी कंपनियों की निगरानी के लिए बने डिजिटल सर्विसेज एक्ट का इस्तेमाल इंटरनेट को बंद करने के लिए नहीं किया जाएगा. इन संगठनों ने कहा है कि हेट स्पीच पर नियमों का पालन नहीं करने वाली कंपनियों पर प्रतिबंध अंतरराष्ट्रीय कानून के तहत मानवाधिकारों का हनन है. यूरोपीय आयोग के गृहनैतिक कमिश्नर थियेरी ब्रेतों ने पिछले महीने एक बयान में कहा था कि प्लेटफॉर्मों को घृणा वाले कंटेट को तुंत हटाना होगा, वरना उनपर फौरी कार्रवाई होगी या हमारे इलाके में उनके काम पर रोक लगा दी जाएगी.
अमेरिकी टेक कंपनी एमेजॉन भी इस कानून का विरोध कर रही है. इन कानून के खिलाफ लक्जमबर्ग की एक अदालत में दायर एक अपील में एमेजॉन कंपनी ने कहा है कि इस कानून के तहत बड़ी टेक कंपनी का उसका वर्गीकरण रद्द किया जाए. उसका कहना है कि वह ऑनलाइन रिटेलर है, न कि सोशल नेटवर्क. एमेजॉन ने यह भी शिकायत की है कि यूरोप के कई बड़े रिटेलर्स को इस श्रेणी में नहीं रखा गया है. यूरोपीय पहल के बाद टिकटॉक ने यूरोप के वैज्ञानिकों को अपने यूजर डाटा का एक्सेस दे दिया है. इसके लिए वैज्ञानिकों का यूरोप का निवासी होना और टिकटॉक अकाउंट खोलना एक शर्त है.
एमजे/आरएस (डीपीए, रॉयटर्स)