सैन फ्रांसिस्को, 23 सितंबर: नासा के वैज्ञानिकों की एक टीम ओसिरिस-आरएक्स मिशन के अंतिम चरण की तैयारी कर रही है जो 24 सितंबर को क्षुद्रग्रह के नमूने के साथ पृथ्वी पर लौट आएगा. ओसिरिस-आरएक्स (ओरिजिन्स, स्पेक्ट्रल इंटरप्रिटेशन, रिसोर्स आइडेंटिफिकेशन, और सिक्योरिटी-रेगोलिथ एक्सप्लोरर) किसी क्षुद्रग्रह से नमूना एकत्र करने वाला पहला अमेरिकी मिशन क्षुद्रग्रह बेन्नु से सामग्री के साथ वापस आएगा. यह 2020 में क्षुद्रग्रह बेन्नू की सतह से एकत्र की गई अनुमानित 8.8 औंस (लगभग 250 ग्राम) चट्टानी सामग्री लेकर आ रहा है. यह भी पढ़ें: ज्यूपिटर के चांद पर कार्बन डाइ ऑक्साइड गैस कहां से आई
वायर्ड की रिपोर्ट के अनुसार, क्षुद्रग्रह नमूना कैप्सूल भारतीय समय के अनुसार रविवार रात 8.25 बजे अमेरिका के यूटा रेगिस्तान में उतरने वाला है. अंतरिक्ष में सात साल बिताने के बाद मिशन को अब सबसे कठिन चुनौतियों में से एक का सामना करना पड़ रहा है, यानि नमूनों को पृथ्वी पर वापस लाना.
रिपोर्ट के अनुसार, अंतरिक्ष यान स्वयं ग्रह के वायुमंडल में प्रवेश नहीं करेगा. यह एक पैकेट गिरायेगा. उसका वक्र पथ इस प्रकार होगा कि वह यूटा रेगिस्तान में उतरेगा. यह नमूना एक कैप्सूल में बंद होगा जो उसे उतरते समय गर्मी, कंपन और संदूषण से बचायेगा.
ओसिरिस-आरएक्स मिशन द्वारा लिए गए ये नमूने महत्वपूर्ण हैं क्योंकि बेन्नू जैसे क्षुद्रग्रह हमारे सौर मंडल के शुरुआती इतिहास के लिए "टाइम कैप्सूल" के रूप में कार्य कर सकते हैं. क्षुद्रग्रह का नमूना शोधकर्ताओं को यह जानने में मदद करेगा कि हमारे ग्रह और सौर मंडल का निर्माण कैसे हुआ, साथ ही उन जीवों की उत्पत्ति कैसे हुई जिनके कारण पृथ्वी पर जीवन संभव हुआ.
नमूने को ह्यूस्टन में नासा के जॉनसन स्पेस सेंटर में रखा जायेगा जहां उसका विश्लेषण होगा. बाद में दुनिया भर के वैज्ञानिकों को विश्लेषण के लिए वितरित किया जाएगा.