NASA Lunar Trailblazer Mission: 6 मार्च को चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर लैंड होगा नासा का लूनर लैंडर, पानी और अन्य संसाधनों की करेगा खोज

नासा ने लूनर ट्रेलब्लेजर मिशन के तहत चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर जल और संसाधनों की खोज के लिए एक अंतरिक्ष यान लॉन्च किया है. यह मिशन महत्वपूर्ण वैज्ञानिक उपकरणों के जरिए चंद्र सतह का अध्ययन करेगा और भविष्य में मानव बस्तियों की संभावनाओं को मजबूत करेगा.

नासा (NASA) ने बुधवार को लूनर ट्रेलब्लेजर (Lunar Trailblazer Mission) नामक अंतरिक्ष यान को स्पेसएक्स फाल्कन 9 रॉकेट के जरिए लॉन्च किया. यह मिशन चंद्रमा (Moon) के दक्षिणी ध्रुव पर मौजूद पानी और अन्य संसाधनों की खोज करेगा, जो भविष्य में इंसानी बस्तियों के लिए उपयोगी साबित हो सकते हैं.

मिशन की खास बातें

मिशन के प्रमुख लक्ष्य

प्रमुख वैज्ञानिक उपकरण

PRIME-1 (पोलर रिसोर्सेज आइस माइनिंग एक्सपेरिमेंट-1):

यह चंद्रमा की सतह के नीचे खुदाई कर वहां मौजूद मिट्टी और बर्फ की जांच करेगा.

इसमें दो प्रमुख उपकरण होंगे

TRIDENT (रेगोलिथ और आइस ड्रिल फॉर एक्सप्लोरिंग न्यू टेरेन्स): यह ड्रिलिंग उपकरण चंद्रमा की सतह पर गहराई तक खुदाई करेगा और मिट्टी के नमूने इकट्ठा करेगा.

MSolo (मास स्पेक्ट्रोमीटर ऑब्जर्विंग लूनर ऑपरेशंस): यह उपकरण नमूनों का विश्लेषण कर वहां मौजूद वाष्पशील तत्वों की पहचान करेगा.

LRA (लेजर रेट्रोरिफ्लेक्टर एरे)

माइक्रो नोवा हॉपपर

मिशन का महत्व

नासा का यह मिशन भविष्य के चंद्र अभियानों के लिए महत्वपूर्ण साबित होगा. इससे वैज्ञानिकों को यह समझने में मदद मिलेगी कि चंद्रमा पर पानी और अन्य संसाधन कितनी मात्रा में उपलब्ध हैं और वे मानव जीवन के लिए कितने उपयोगी हो सकते हैं. इसके अलावा, इस मिशन से मिलने वाला डेटा भविष्य के आर्टेमिस कार्यक्रम के तहत चंद्रमा पर लंबी अवधि के मानव अभियानों की योजना बनाने में मदद करेगा.

इस मिशन के सफल होने से चंद्रमा पर स्थायी मानव उपस्थिति की संभावनाएं और अधिक मजबूत होंगी.

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