VIDEO: 'आत्मनिर्भर भारत': ISRO का 'बाहुबली' रॉकेट LVM3-M5 हुआ लॉन्च, भारतीय नौसेना को मिलेगा नया कम्युनिकेशन सैटेलाइट GSAT-7R का तोहफा

भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी इसरो ने श्रीहरिकोटा से अपने सबसे शक्तिशाली रॉकेट LVM3-M5 का सफलतापूर्वक प्रक्षेपण किया, इसे 'बाहुबली' इसलिए नाम दिया गया है.

ISRO LVM3-M5 Launch (Photo- @isro/X)

ISRO LVM3-M5 Laun: भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी इसरो ने श्रीहरिकोटा से अपने सबसे शक्तिशाली रॉकेट LVM3-M5 का सफलतापूर्वक प्रक्षेपण किया, इसे 'बाहुबली' इसलिए नाम दिया गया है. क्योंकि यह भारी-भरकम उपग्रहों को अंतरिक्ष में भेजने में सक्षम है. इस मिशन ने भारतीय नौसेना के लगभग 4,410 किलोग्राम वजनी कम्युनिकेशन सैटेलाइट GSAT-7R को अंतरिक्ष में भेजा. यह लॉन्च पूरी तरह से स्वदेशी तकनीक पर आधारित है, जिसमें इसका क्रायोजेनिक इंजन C25 भी शामिल है.

इस तीन-चरणीय रॉकेट में दो ठोस-ईंधन बूस्टर S200, एक द्रव-ईंधन L110 चरण और एक क्रायोजेनिक चरण शामिल हैं, जो इसे असाधारण शक्ति प्रदान करते हैं.

ये भी पढें: इसरो के चंद्रयान-2 ने चंद्रमा के वायुमंडल पर सौर प्रभाव का पता लगाया

ISRO ने लॉन्च किया 'बाहुबली' रॉकेट GSAT-7

GSAT-7R सैटेलाइट की विशेषता?

GSAT-7R भारतीय नौसेना के लिए अब तक का सबसे एडवांस कम्युनिकेशन सैटेलाइट है. यह हिंद महासागर क्षेत्र में नौसेना को रीयल-टाइम कम्युनिकेशन (Real-Time Communication) और एडवांस मॉनिटरिंग क्षमताएं (Advanced Monitoring Capabilities) प्रदान करेगा.

यह उपग्रह मल्टी-बैंड ट्रांसपोंडर से लैस है, जो समुद्र, हवा और जमीन पर नौसैनिक प्लेटफार्मों को जोड़कर रीयल-टाइम डेटा, ध्वनि और वीडियो कम्युनिकेशन सुनिश्चित करता है.

समुद्री सीमा की निगरानी में मिलेगी मदद

यह उपग्रह नौसेना के जहाजों, पनडुब्बियों और एयरबोर्न यूनिट्स के बीच सुरक्षित और निर्बाध संचार बनाए रखेगा, जिससे भारत की समुद्री सीमा निगरानी और रणनीतिक क्षमताओं में उल्लेखनीय वृद्धि होगी.

Share Now

\