चंद्रयान-2 की लॉन्चिंग के लिए उल्टी गिनती शुरू, 6 सितंबर को चांद पर पहुंचेगा लैंडर-विक्रम
चंद्रयान-2 को ले जाने वाले भारत के भारी रॉकेट की 15 जुलाई को तड़के लॉन्चिंग की उल्टी गिनती रविवार सुबह 6.51 बजे शुरू हो गई. धरती और चंद्रमा के बीच की दूरी लगभग 3.844 किलोमीटर है. चंद्रयान-2 में लैंडर-विक्रम और रोवर-प्रज्ञान चंद्रमा तक जाएंगे. लैंडर-विक्रम छह सितंबर को चांद पर पहुंचेगा.
चेन्नई : चंद्रयान-2 को ले जाने वाले भारत के भारी रॉकेट की 15 जुलाई को तड़के लॉन्चिंग की उल्टी गिनती रविवार सुबह 6.51 बजे शुरू हो गई. भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी के एक शीर्ष अधिकारी ने यह जानकारी दी. भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (Indian Space Research Organisation) के चेयरमैन के. सिवन ने आईएएनएस से कहा, "रविवार तड़के 6.51 बजे उल्टी गिनती शुरू हो गई."
लगभग 44 मीटर लंबा 640 टन का जियोसिंक्रोनस सैटेलाइट लांच व्हीकल-मार्क तृतीय (Geosynchronous Satellite Launch Vehicle Mark III) एक सफल फिल्म के हीरो की तरह सीधा खड़ा है. रॉकेट में 3.8 टन का चंद्रयान अंतरिक्ष यान है. रॉकेट को 'बाहुबली' उपनाम दिया गया है.
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अपनी उड़ान के लगभग 16 मिनट बाद 375 करोड़ रुपये का जीएसएलवी-मार्क 3 रॉकेट 603 करोड़ रुपये के चंद्रयान-2 अंतरिक्ष यान को पृथ्वी पार्किं ग में 170 गुणा 40400 किलीमीटर की कक्षा में रखेगा.
धरती और चंद्रमा के बीच की दूरी लगभग 3.844 किलोमीटर है. चंद्रयान-2 में लैंडर-विक्रम और रोवर-प्रज्ञान चंद्रमा तक जाएंगे. लैंडर-विक्रम छह सितंबर को चांद पर पहुंचेगा और उसके बाद प्रज्ञान यथावत प्रयोग शुरू करेगा.