चीनी वैज्ञानिकों ने खोजा चांद की मिट्टी से पानी बनाने का तरीका

चीन के वैज्ञानिकों ने चांद की मिट्टी से बड़ी मात्रा में पानी बनाने का तरीका खोजने का दावा किया है.

प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo Credit: Image File)

चीन के वैज्ञानिकों ने चांद की मिट्टी से बड़ी मात्रा में पानी बनाने का तरीका खोजने का दावा किया है. यह मिट्टी 2020 में चंद्रमा पर गया एक यान लेकर आया था.चीन के वैज्ञानिकों ने 2020 के एक अभियान में लाई गई चंद्रमा की मिट्टी का उपयोग करके बड़ी मात्रा में पानी बनाने का "नया तरीका" खोजा है. देश के सरकारी सीसीटीवी ने 22 अगस्त को यह खबर प्रसारित की.

2020 में, चीन के चांग'ई-5 मिशन ने चांद से मिट्टी के नमूने लाने में कामयाबी हासिल की थी. तब 44 वर्षों में पहली बार चंद्रमा से इस तरह के नमूने लाए गए थे. चीनी अकादमी ऑफ साइंसेज के शोधकर्ताओं ने पाया कि इस 'चंद्रमा की मिट्टी' में हाइड्रोजन की बड़ी मात्रा होती है, जो अत्यधिक उच्च तापमान पर अन्य तत्वों के साथ प्रतिक्रिया करके पानी की भाप बनाती है.

सीसीटीवी ने अपनी रिपोर्ट में कहा, "तीन वर्षों की गहन शोध और बार-बार की पुष्टि के बाद, चंद्रमा की मिट्टी का उपयोग करके पानी बनाने का एक नया तरीका खोजा गया है, जो भविष्य के चंद्रमा वैज्ञानिक अनुसंधान स्टेशन और अंतरिक्ष स्टेशनों के निर्माण के लिए महत्वपूर्ण डिजाइन आधार प्रदान करेगा."

50 लोगों के लिए पानी

सीसीटीवी के मुताबिक चीनी वैज्ञानिकों का दावा है कि उनके खोजे नए तरीके का उपयोग करके, चांद की एक टन मिट्टी से लगभग 51-76 किलोग्राम पानी बनाया जा सकेगा, यानी आधा लीटर की लगभग 100 बोतल भरी जा सकेंगी या 50 लोगों की पानी की रोजाना की जरूरत को पूरा किया जा सकेगा.

चांग'ई-5 मिशन ने चंद्रमा के निकटवर्ती हिस्से से नमूने जमा किए थे जबकि चांग'ई-6 ने चंद्रमा के दूसरी तरफ के हिस्से से मिट्टी जमा की, जो हमेशा पृथ्वी से दूर रहता है. यह पहली बार था जबकि चांद के उस तरफ से मिट्टी और अन्य खनिजों के नमूने पृथ्वी पर लाए गए.

चीन को उम्मीद है कि हाल के और भविष्य के चंद्रमा अभियानों से अंतरराष्ट्रीय चंद्रमा अनुसंधान स्टेशन (ILRS) की नींव रखी जाएगी, जिसका नेतृत्व वह रूस के साथ मिलकर कर रहा है.

चांद को लेकर बड़ी योजनाएं

चीन की अंतरिक्ष एजेंसी ने 2035 तक चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर एक "आधारभूत स्टेशन" बनाने की तारीख निर्धारित की है, और 2045 तक चंद्रमा का चक्कर लगाता अंतरिक्ष स्टेशन जोड़ने का लक्ष्य रखा है. साथ ही, दोनों देश चांद पर न्यूक्लियर पावर प्लांट बनाने की योजना पर भी काम कर रहे हैं.

चंद्रमा पर पानी की मौजूदगी सिर्फ इंसान को वहां स्थापित करने के लिए ही जरूरी नहीं है. नासा के प्रमुख बिल नेल्सन ने मई में बताया था कि चंद्रमा पर पाया गया पानी हाइड्रोजन रॉकेट ईंधन बनाने के लिए उपयोग किया जा सकता है, जो मंगल और अन्य स्थलों की ओर आगे की अंतरिक्ष खोज के लिए ईंधन प्रदान कर सकता है.

अमेरिका और चीन के बीच चंद्रमा के संसाधनों को खोजने और निकालने की दौड़ के बीच यह खोज चीन की चंद्रमा पर स्थायी उपस्थिति के दशकों पुराने प्रोजेक्ट के लिए महत्वपूर्ण हो सकती है. नासा प्रमुख नेल्सन ने बार-बार चीन के अंतरिक्ष कार्यक्रम की तेज प्रगति और बीजिंग के चंद्रमा के सबसे संसाधन-समृद्ध स्थानों पर प्रभुत्व की संभावना के बारे में चिंता जताई है.

वीके/एए (रॉयटर्स)

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