इस्लामाबाद, 2 अक्टूबर: चीन का चंद्रमा पर नया ''चांग'ई 6 मिशन'' 2024 की पहली छमाही में लॉन्च किया जाएगा. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक वह एक पाकिस्तानी सैटेलाइट को भी चंद्रमा पर ले जाएगा. पाकिस्तान ने 16 सितंबर 1961 में स्पेस एंड अपर एटमॉसफेयर रिसर्च ऑर्गेनाइजेशन (SUPARCO) बनाया. वह भी भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी के आधिकारिक गठन से करीब आठ साल पहले. लेकिन आज वो रेस में ही नहीं है.
चीन के राष्ट्रीय अंतरिक्ष प्रशासन (सीएनएसए) ने सोशल मीडिया साइट वीबो पर एक बयान में कहा है कि चांग'ई 6 मिशन 2024 की पहली छमाही में चंद्रमा पर लॉन्च किया जाएगा. मिशन पाकिस्तान, यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी (ईएसए), फ्रांस और इटली से चंद्रमा पर पेलोड ले जाएगा. Aditya L1 Mission: धरती से 9.2 लाख KM दूर पहुंचा 'आदित्य', दूसरी बार ISRO ने किसी यान को पृथ्वी के प्रभाव से बाहर भेजा
वहीं बात करें भारत की तो, ISRO ने अब तक 61 सालों में 34 देशों के 424 सैटेलाइट्स को लॉन्च किया है. इसरो 123 स्पेसक्राफ्ट मिशन, 91 लॉन्च मिशन, 15 स्टूडेंट सैटेलाइट्स, 2 री-एंट्री मिशन, तीन भारतीय प्राइवेट सैटेलाइट्स लॉन्च कर चुका है. जबकि, पाकिस्तान सिर्फ पांच.
चांग’ई 6 मिशन फ्रांसीसी उपकरणों को ले जाएगा जो रेडियोधर्मी गैस का परीक्षण करेंगे. इसी तरह ईएसए के नेगेटिव आयन डिटेक्टर और इटली के वैले ब्रेट रडार सिस्टम को भी इस मिशन द्वारा चंद्रमा पर ले जाया जाएगा.
क्यूबसैट नाम का पाकिस्तान का उपग्रह भी चंद्रमा की कक्षा में भेजा जाएगा. चीन अंतर्राष्ट्रीय चंद्र अनुसंधान स्टेशन परियोजना में तेजी ला रहा है और इसके अधिक अंतरराष्ट्रीय साझेदारियां होने की उम्मीद है.
मिशन अंतरराष्ट्रीय सहयोग बढ़ाने के लिए चार देशों के पेलोड और उपग्रह ले जाएगा. चांग'ई-6 मिशन चंद्रमा के अंधेरे हिस्से की यात्रा करेगा और सतह से नमूने एकत्र करेगा और पृथ्वी पर वापस आएगा. चीनी अंतरिक्ष एजेंसी के मुताबिक, यह पहली बार होगा जब चंद्रमा के अंधेरे हिस्से से नमूने पृथ्वी पर वापस लाए जाएंगे.इससे पहले, ऐसे मिशनों ने चंद्रमा की निकट सतह से नमूने एकत्र किए थे.
मिशन का उद्देश्य चंद्रमा के विभिन्न हिस्सों से नमूने एकत्र करना है ताकि इसकी उम्र के बारे में अधिक जानकारी जुटाई जा सके. चांग'ई 7 रोबोटिक मिशन चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर भेजा जाएगा. यह क्षेत्र के वातावरण और मौसम की जांच करते हुए वहां बर्फ के संकेतों की तलाश करेगा.