कहीं आपके मोबाइल में भी तो नहीं ये ऐप्स? इनके जरिए आपका डेटा चुरा रहा है फेसबुक, जानें नाम
पिछले साल फेसबुक ने 150 से ज्यादा कंपनियों के साथ यूजर्स का डेटा शेयर किया था. सितंबर 2018 में भी उसने 5 करोड़ यूजर्स का डेटा चोरी करने की बात मानी और इसके लिए मार्क जकर्बर्ग को माफी भी मांगनी पड़ी थी...
पिछले साल फेसबुक (Facebook) ने 150 से ज्यादा कंपनियों के साथ यूजर्स का डेटा शेयर किया था. सितंबर 2018 में भी उसने 5 करोड़ यूजर्स का डेटा चोरी करने की बात मानी और इसके लिए मार्क जकर्बर्ग को (Mark Zuckerberg) माफी भी मांगनी पड़ी थी. इसके बावजूद फेसबुक अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा. एक बार फिर उस पर दूसरे ऐप्स के जरिए डेटा चोरी करने का आरोप लगा है. ब्रिटेन (Britain) की एक संस्था ने रिपोर्ट में दावा किया है कि फेसबुक उन मोबाइल यूजर्स का भी डेटा चुरा रहा है जो फेसबुक इस्तेमाल नहीं करते. फेसबुक कई फेमस ऐप्स के जरिए डेटा चुरा रहा है. संस्था ने इस मामले में 34 ऐप्स की जांच की इनमें से 23 ऐप्स यूजर्स का डेटा फेसबुक को देते हैं. ज्यादातर सॉफ्टवेयर बनाने वाली कंपनियां फेसबुक सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट किट का इस्तेमाल करती हैं. जितने भी ऐप्स एसडीके के जरिए डेवलप हुए हैं, सभी फेसबुक से जुड़े हुए हैं. यूजर जितनी भी बार इस ऐप का इस्तेमाल करता है उतनी बार उसका डेटा फेसबुक तक पहुंचता है.
इन ऐप्स के इस्तेमाल से आपके फोन में सेव कॉन्टेक्ट्स, ई- मेल्स, फोटो-वीडियो, आप किन-किन वेबसाइट्स पर विजिट करते हैं ? क्या देखते हैं? ये सारी जानकारी फेसबुक को चली जाती है. इस बारे में जब फेसबुक से पूछा गया तो उसका कहना है कि डेटा शेयर करना यूजर और कंपनी दोनों के लिए फायदेमंद है.
फेसबुक को डेटा देनेवाले ऐप्स में इंडीडीड (Indeed), ट्रैवल एंड रेस्टोरेंट (Travel and Restaurant) टाइपिंग ऐप डुओलिंगो (Duolingo), ट्रिप एडवाइजर (Trip Adviser), फ्लाइट सर्च इंजन (Flight Search Engine), स्काई स्कैनर (Sky Scanner), जैसे और भी कई ऐप्स शामिल हैं. यूजर जो भी जानकारी खोजता है वह सारा डेटा फेसबुक तक पहुंच जाता है. इससे पता चल जाता है कि यूजर को किस समय कौन सा विज्ञापन दिखाना चाहिए. इस रिपोर्ट पर गूगल (Google) का कहना है कि यूजर अपना डेटा सेफ रखने के लिए एड पर्सनलाइजेशन को डिसेबल कर सकते हैं.