Anonymous Hackers Re-Emerge After George Floyd Murder: अमेरिका में हिंसक प्रदर्शन के बीच हुई 'हैक्टिविस्ट' की वापसी, पोल खोलने की दी धमकी
अमेरिका (US) के मिनियापोलिस (Minneapolis) में अफ्रीकी-अमेरिकी व्यक्ति जॉर्ज फ्लॉयड (George Floyd) की पुलिस हिरासत में मौत का मामला शांत होने का नाम नहीं ले रहा है. देशभर में इस बर्बर घटना के विरोध में प्रदर्शन चल रहे है.
Anonymous Hackers re-emerge: अमेरिका (US) के मिनियापोलिस (Minneapolis) में अफ्रीकी-अमेरिकी व्यक्ति जॉर्ज फ्लॉयड (George Floyd) की पुलिस हिरासत में मौत का मामला शांत होने का नाम नहीं ले रहा है. देशभर में इस बर्बर घटना के विरोध में प्रदर्शन चल रहे है. अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप कभी भी हालात को काबू में करने के लिए सेना को उतारने का आदेश दे सकते है. इस बीच साइबर-दुनिया में 'हैक्टिविस्ट' (Hacktivists) की वापसी हो गई है. इंटरनेट के इस ऑनलाइन सतर्क समूह द्वारा एक वायरल वीडियो फेसबुक पेज पर पोस्ट किया गया है. इसके जरिए अमेरिका में अशांति की मौजूदा स्थिति की जानकारी साझा की गई है.
मिनियापोलिस की घटना को लेकर 'हैक्टिविस्ट' ने पुलिस विभाग और उनके क्रूरता के रिकॉर्ड को उजागर करने की धमकी दी है. वीडियो संदेश में आगे कहा गया है, “पिछले दो दशकों में, मिनेसोटा (Minnesota) में पुलिस द्वारा 193 लोगों की हत्या की गई है, जिनमें जामेर क्लार्क, फिलैंडो कैसल, जस्टिन डैंडर, थॉमस बिल्विन्स और ब्रायन क्विनोन्स की मौतें शामिल हैं. ये केवल ऐसे मामले हैं जो सुर्खियों में आए, जहां वीडियो और अन्य सबूत साबित करते हैं कि पुलिस झूठ बोल रही है.” George Floyd Death: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप प्रदर्शनों से निपटने के लिए बड़ी संख्या में उतारेंगे सेना
हैकविस्ट 'Anonymous' कौन हैं?
यह एक सतर्क समूह के रूप में पहचाना जाता है. जो कई कारणों में मदद करने और अन्याय से लड़ने के खिलाफ आवाज उठाता है. इन्हें "हैक्टिविस्ट" कहा जाता है. क्योंकि वे हैकिंग की मदद से कई सरकारों, सरकारी संस्थानों और सरकारी एजेंसियों, निगमों के खिलाफ साइबर हमले का उपयोग कर अहम जानकारियां जुटाते है. जिसका इस्तेमाल अन्याय के खिलाफ लड़ने में किया जाता है. इस समूह ने कई बड़े नामों को कटघरे में खड़ा कर सुर्खियां बटोरी है. हालांकि यह समूह डर व अन्य कारणों से पिछले कुछ वर्षों से निष्क्रिय था.
उल्लेखनीय है कि अश्वेत व्यक्ति जॉर्ज फ्लॉयड की मिनियापोलिस में उस समय मौत हो गई जब एक पुलिस अधिकारी ने उसके हाथ बांधकर घुटने से उसका गला दबा दिया था. उसके बाद से अमेरिका में हिंसक प्रदर्शनों का दौर जारी है. अधिकारियों ने बताया कि इस घटना में शामिल अधिकारी डेरेक चौविन को नौकरी से निकाल दिया गया था और उस पर जघन्य हत्या और नरसंहार का मामला दर्ज किया गया है. अमेरिका: ह्यूस्टन में होगा जॉर्ज फ्लॉयड का अंतिम संस्कार, मेयर सिलवेस्टर टर्नर ने दी जानकारी
एक राहगीर द्वारा बनाए गए वीडियो में अधिकारी, डेरेक चॉवीन फ्लॉयड के गले पर अपने घुटने से दबाव बनाता दिख रहा है जबकि वह लगातार कहता रहा कि वह सांस नहीं ले पा रहा है और अंतत: उसने हिलना-डुलना बंद कर दिया. इसके बाद भी अधिकारी अपना घुटना नहीं हटाता है. पोस्टमार्टम में पाया गया कि गले और पीठ पर दबाव के कारण सांस नहीं ले पाने के चलते फ्लॉयड की मौत हुई.
एक राहगीर द्वारा बनाया गया वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है. इस वीडियो में दिख रहा है कि अधिकारी कम से कम आठ मिनट तक अपने घुटने से हथकड़ी लगे फ्लॉयड की गर्दन दबाए रखता है. इस दौरान वह सांस रुकने की बात कहता है, लेकिन फिर भी अधिकारी बर्बरता के साथ दबाव देता रहता है. (एजेंसी इनपुट के साथ)