नई दिल्ली: देश के प्रतिष्ठित राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार के लिए नामांकित नहीं किये जाने पर निराश स्टार पहलवान बजरंग पूनिया ने गुरुवार को खेल मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौड़ से मुलाकात की. पूनिया ने पीटीआई से कहा की उन्हें विश्वास है खेल मंत्री उनके मामले पर जरुर विचार करेंगें. पूनिया ने गोल्ड कोस्ट और जकार्ता में गोल्ड मेडल, 2013 विश्व चैम्पियनशिप में ब्रॉन्ज मेडल और 2014 कॉमनवेल्थ गेम्स और एशियाई खेलों में सिल्वर मेडल जीते थे. उन्होंने कहा कि अगर उन्हें शाम तक अनुकूल जवाब नहीं मिलता तो उन्हें न्याय के लिए अदालत का दरवाजा खटखटाने के लिए बाध्य होना पड़ेगा.
खेल मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौड़ से मिलने पूनिया के साथ उनके मेंटर योगेश्वर दत्त भी गए थे. उन्होंने कहा, "खेल मंत्री हमारे मामले को देखने की बात कह रहे हैं, लेकिन पुरस्कार समारोह में कम समय बचा हुआ है. इसलिए सरकार की ओर से जवाब के लिए शाम तक का इंतजार करूंगा."
पूनिया को लगता है कि पिछले कुछ वर्षों में उनके निरंतर अच्छे प्रदर्शन को देखते हुए वह इस सम्मान के हकदार हैं. उन्होंने कहा, "मैंने इसकी उम्मीद नहीं की थी कि मुझे इस साल यह पुरस्कार नहीं मिलेगा. पिछले चार साल के मेरे प्रदर्शन को देखा जाय. पहले कोई अंक प्रणाली नहीं थी लेकिन अब अंक प्रणाली आ गयी है तो मुझे लगता है कि अब संख्याएं मेरे साथ हैं. यह भी पढ़ें-द्रविड़ के बाद अब सचिन तेंदुलकर ने डॉक्टरेट की उपाधि लेने से किया इनकार, जानिए वजह
बजरंग पूनिया ने जोर देते हुए कहा कि उन्हें हर जगह से पूरा समर्थन मिल रहा है. लेकिन वह इस मामले में भारतीय कुश्ती महासंघ को बीच में नहीं लायेंगे. उन्होंने कहा, "मैंने इस मामले में भारतीय कुश्ती महासंघ से बात नहीं की." पूनिया ने कहा कि ये यह मेरी निजी लड़ाई है.