टोक्यो ओलंपिक में जलवा बिखेरने के लिए तैयार V Revathi, यहां पढ़ें उनके संघर्षों की दिलचस्प कहानी
रेवती वीरामनी अपनी नानी के साथ (Photo Credits: Twitter)

चेन्नई, 12 जुलाई: टोक्यो ओलंपिक (Tokyo Olympics) में तमिलनाडु (Tamil Nadu) की बेटी रेवती वीरामनी (V Revathi) अपना जलवा बिखेरने के लिए तैयार हैं. बता दें रेवती को यहां तक पहुंचने में काफी संघर्षों का सामना करना पड़ा है. जब वो महज सात वर्ष की थीं तभी उनके पिता का निधन हो गया था, परिवार अभी इस सदमे से उबरा ही था कि एक साल बाद उनकी मां का भी निधन हो गया. ऐसे में अनाथ रेवती और उनकी बहन का लालन पालन उनकी नानी ने किया.

रेवती के नानी का भी उन दिनों आमदनी का कुछ खास जरिया नहीं था. वह दिनभर मजदूरी करती तब जाकर किसी तरह पूरे परिवार का पेट भरता था. नानी की गरीबी देख रेवती हमेशा ही कुछ बड़ा करना चाहती थीं. उन्होंने थोड़ी बड़ी होने पर प्रतियोगिताओं में भाग लेना शुरू किया, लेकिन गरीबी के वजह से उनके पास इन प्रतियोगिताओं में हिस्सा लेने के लिए पैर में जूते तक नहीं होते थे. इस दौरान उन्होंने कई बार बिना जूतों के ही कई प्रतियोगिताओं में हिस्सा लिया.

यह भी पढ़ें- देश की खबरें | तोक्यो ओलंपिक : कोविड-19 से अगर एक फाइनलिस्ट बाहर हुई तो हॉकी में कोई कांस्य पदक मैच नहीं होगा

बचपन से ही खेल के प्रति रेवती के लगन को देखकर उनके कोच उनसे काफी प्रभावित हुए थे. उन्होंने रेवती को आर्थिक रूप से काफी मदद की और खेल के प्रति उनके उत्साह को हमेशा बनाए रखा. इस दौरान रेवती की नानी को और उनको आस पड़ोस के लोग काभी भला बुरा बोलते थे. लोगों का कहना था कि वह रेवती को खेलने के लिए भेजती हैं. वह एक लड़की हैं उन्हें घर का कामकाज देखना चाहिए.

काफी लंबे समय तक खेल के मैदान में पसीना बहाने का फल रेवती को मिला. उन्हें दक्षिणी रेवले में सरकारी नौकरी करने का मौका मिला. रेवती ने 400 मीटर की दौड़ 53.55 सेकेंड में पूरी की है और वो चार गुणा 400 मीटर मिश्रित रिले टोक्यो ओलंपिक के लिए सेलेक्ट हुई हैं. 23 वर्षीय रेवती ट्रायल देने आई महिला धावकों में से सबसे तेज दौड़ रही थी.