पहलवानों के मामले में प्रारंभिक जांच की हो सकती है जरूरत: दिल्ली पुलिस
शीर्ष अदालत ने कहा, याचिका में यौन प्रताड़ना के गंभीर आरोप लगाए गये हैं और ये आरोप उन अंतरराष्ट्रीय पहलवानों की ओर से लगाए गये हैं जिन्होंने खेल जगत में देश का प्रतनिधित्व किया है. उन्होंने कहा कि संविधान के अनुच्छेद 32 ए के तहत अदालत अपने अधिकार का उपयोग करते हुए इस मामले को संज्ञान में लेगी.
नयी दिल्ली: दिल्ली पुलिस (Delhi Police) ने सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) को बुधवार को बताया कि कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष ब्रज भूषण शरन सिंह (Braj Bhushan Sharan Singh) पर लगाए गए यौन प्रताड़ना (Sexual Harassment) के आरोप को लेकर प्राथमिकी दर्ज करने से पहले प्रारंभिक जांच की जरुरत पड़ सकती है. सोलिसिटर जनरल तुषार मेहता (Tushar Mehta) ने भारत (India) के मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड (DY Chandrachud) की अगुवाई वाली पीठ से कहा कि इस मामले में प्रारंभिक जांच की आवश्यकता हो सकती है लेकिन अगर अदालत आदेश देती है तो प्राथमिकी दर्ज की जा सकती है.
न्यायमूर्ति चंद्रचूड ने कहा कि कोर्ट भी बिना किसी आधार के इस मामले में नहीं कुछ करना चाहेगी. उन्होंने इस मामले को एक नाबालिग से जुड़े होने की ओर इशारा करते हुए सोलिसिटर जनरल को शुक्रवार को ठोस सामग्री पेश करने को कहा. RCB vs KKR, IPL 2023 Match 36: रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर और कोलकाता नाइट राइडर्स के बीच आज होगी जबरजस्त की टक्कर, मैच से पहले जानें रोचक फैक्ट्स
वरिष्ठ अधिक्ता कपिल सिब्बल और नरेन्द्र हूडा ने पच्चीस अप्रैल को पहलवानों की ओर से यौन प्रताडना की याचिका दायर की थी.
शीर्ष अदालत ने कहा, याचिका में यौन प्रताड़ना के गंभीर आरोप लगाए गये हैं और ये आरोप उन अंतरराष्ट्रीय पहलवानों की ओर से लगाए गये हैं जिन्होंने खेल जगत में देश का प्रतनिधित्व किया है. उन्होंने कहा कि संविधान के अनुच्छेद 32 ए के तहत अदालत अपने अधिकार का उपयोग करते हुए इस मामले को संज्ञान में लेगी.