पेरिस ओलंपिक 2024 में भारतीय एथलीट व जेवलिन थ्रोअर नीरज चोपड़ा को पाकिस्तानी प्रतिद्वंद्वी अरशद नदीम से हारने के बाद उनकी मां का भावुक और दिल को छू लेने वाला बयान सामने आया है. सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे एक वीडियो में नीरज की मां ने अरशद नदीम को भी अपना बच्चा कहा और उनके लिए अपने प्यार का इजहार किया.
8 अगस्त को हुई पुरुषों की जैवलिन थ्रो फाइनल में अरशद नदीम ने अपने करियर की सर्वश्रेष्ठ थ्रो 92.97 मीटर करके सभी को चौंका दिया. दूसरी ओर, नीरज चोपड़ा, जो कि पिछले ओलंपिक के गोल्ड मेडलिस्ट हैं, उन्होंने अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 89.45 मीटर किया. इसके साथ ही पाकिस्तान ने जैवलिन थ्रो में अपना पहला ओलंपिक गोल्ड मेडल जीता और इस संस्करण में पदक तालिका में भारत से आगे निकल गया.
नीरज की मां का स्नेह भरा संदेश
ANI से बातचीत में, नीरज की मां ने बताया कि उनका बेटा सिल्वर मेडल जीतकर भी घर लौटेगा, और उनके लिए यह किसी गोल्ड मेडल से कम नहीं है. उन्होंने कहा, "बहुत खुश हैं. सिल्वर भी हमारे लिए गोल्ड के बराबर है. कोई बात नहीं जी. वो (अरशद नदीम) भी हमारे ही बच्चे हैं. हां, हम उनके लिए कुछ स्वादिष्ट पकवान जरूर बनाएंगे."
#WATCH | Haryana: On Neeraj Chopra winning a silver medal in men's javelin throw at #ParisOlympics2024, his mother Saroj Devi says, "We are very happy, for us silver is also equal to gold...he was injured, so we are happy with his performance..." pic.twitter.com/6VxfMZD0rF
— ANI (@ANI) August 8, 2024
इस बयान ने यह दिखा दिया कि खेल सिर्फ प्रतिस्पर्धा नहीं बल्कि आपसी सम्मान और भाईचारे का भी प्रतीक है. नीरज की मां ने न सिर्फ अपने बेटे की उपलब्धि का सम्मान किया, बल्कि अपने दिल की उदारता से अरशद नदीम को भी अपने परिवार का हिस्सा मान लिया.
#ParisOlympics2024 में अपने शानदार प्रदर्शन से भारत को रजत पदक🥈दिलाने वाले @Neeraj_Chopra1 जी को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं।
आप पर पूरे देश को गर्व है। 🇮🇳#Paris2024 #OlympicGames #Cheer4Bharat pic.twitter.com/JBw2rroiR1
— Uttarakhand Police (@uttarakhandcops) August 9, 2024
नीरज चोपड़ा की प्रतिक्रिया
सिल्वर मेडल जीतने के बाद, नीरज चोपड़ा ने स्वीकार किया कि उन्होंने अपनी पूरी कोशिश की, लेकिन उस दिन अरशद नदीम का प्रदर्शन बेहतर था. ANI से बातचीत में उन्होंने कहा, "जब भी हम देश के लिए मेडल जीतते हैं, तो हम सभी को खुशी होती है. अब समय है कि हम अपने खेल में सुधार करें. हम बैठकर चर्चा करेंगे और अपने प्रदर्शन को और बेहतर बनाएंगे. आज अरशद का दिन था. मैंने अपनी पूरी कोशिश की, लेकिन कुछ चीजें हैं जिन्हें संबोधित करना और काम करना होगा. भारत ने पेरिस ओलंपिक में अच्छा प्रदर्शन किया. आज हमारा राष्ट्रगान नहीं बजा, लेकिन भविष्य में जरूर सुना जाएगा."
नीरज का यह बयान न सिर्फ उनके खेल के प्रति समर्पण को दर्शाता है, बल्कि खेल भावना की भी एक मिसाल है. खेल जगत में ऐसी घटनाएं हमें यह सिखाती हैं कि प्रतिस्पर्धा के साथ-साथ हमें आपसी सम्मान और स्नेह को भी बनाए रखना चाहिए. नीरज चोपड़ा की मां का अरशद नदीम को अपने बच्चे के रूप में स्वीकार करना, भारतीय समाज में उदारता और भाईचारे की भावना को दर्शाता है. खेल सिर्फ जीत और हार का नहीं, बल्कि आपसी संबंधों और इंसानियत का भी एक महत्वपूर्ण हिस्सा है.