नई दिल्ली, 20 अक्टूबर : खेलो इंडिया यूथ गेम्स का अगला सीजन जनवरी-फरवरी 2023 में मध्य प्रदेश में आयोजित किया जाएगा. गुरुवार को इसकी औपचारिक घोषणा केंद्रीय युवा मामले और खेल मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर ने की. मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की उपस्थिति में खेलों के आयोजन स्थल की औपचारिक घोषणा की गई. खेल प्रतियोगिता 31 जनवरी 2023 से शुरू होकर 11 फरवरी को समाप्त होगी.
गुरुवार दोपहर के कार्यक्रम में भारत सरकार में केंद्रीय राज्य मंत्री, गृह मंत्रालय और युवा मामले और खेल मंत्रालय, निसिथ प्रमाणिक, खेल और युवा कल्याण मंत्री, यशोधरा राजे सिंधिया, सचिव खेल, सुजाता चतुर्वेदी, महानिदेशक, भारतीय खेल प्राधिकरण, संदीप प्रधान और केंद्रीय खेल मंत्रालय और भारतीय खेल प्राधिकरण के अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे. यह भी पढ़ें : PKL: टीवी पर कबड्डी मैच देखकर गुजरात के राकेश ने किया शानदार प्रदर्शन
खेलो इंडिया यूथ गेम्स के आगामी सीजन में कुल 27 खेल होंगे. खेलों के इतिहास में पहली बार वाटर स्पोर्ट्स को शामिल किया गया है. कैनो स्लैलम, कयाकिंग, कैनोइंग और रोइंग जैसे नए खेल सामान्य खेलों और स्वदेशी खेलों के साथ-साथ दिखाई देंगे. खेल मध्य प्रदेश के आठ शहरों भोपाल, इंदौर, उज्जैन, ग्वालियर, जबलपुर, मंडला, खरगोन (महेश्वर) और बालाघाट में होंगे. भारतीय खेल प्राधिकरण (साई) ने गुरुवार को एक विज्ञप्ति में इसकी जानकारी दी.
सभा को संबोधित करते हुए सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कहा, "मैं मध्य प्रदेश को खेलो इंडिया यूथ गेम्स की मेजबानी का मौका देने के लिए अपने दिल से माननीय प्रधानमंत्री को धन्यवाद देता हूं. हम इसे सबसे खास खेलो इंडिया बनाएंगे. हमारे 'अतिथि देवो भव' के दर्शन को ध्यान में रखते हुए इसे कभी भी खेल सकते हैं और इसकी मेजबानी कर सकते हैं."
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री ने कहा, "हमारे पास मध्य प्रदेश में शूटिंग और वाटर स्पोर्ट्स अकादमियों जैसे विश्व स्तरीय खेल स्टेडियम हैं. कई अन्य सुविधाएं भी आ रही हैं. बुनियादी ढांचे में बढ़ते विकास और खेलो इंडिया यूथ गेम्स की मेजबानी करने के सौभाग्य के साथ, मुझे यकीन है कि मध्य प्रदेश में एक खेल क्रांति होगी."
यह उल्लेख करते हुए कि स्वदेशी खेल एक बार फिर आगामी केआईवाईजी का हिस्सा होंगे, खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा, "यह माननीय पीएम की ²ष्टि थी कि उसी तरह ओलंपिक खेलों और स्वदेशी खेलों का समर्थन किया जाए. मैं मध्य प्रदेश को धन्यवाद देता हूं जिन्होंने मल्लखंब खेल को उनका राज्य खेल बनाया है."