नयी दिल्ली, 10 सितंबर एशिया कप में शानदार शतक के साथ लय में वापसी करने वाले विराट कोहली की भारतीय क्रिकेट बोर्ड के अध्यक्ष सौरव गांगुली ने तारीफ करते हुए कहा कि यह स्टार बल्लेबाज एक खिलाड़ी के रूप में उनसे ‘अधिक कुशल’ है. कप्तान के तौर पर दोनों को आक्रामक शैली की क्रिकेट के लिए जाना जाता था लेकिन गांगुली के मुताबक कौशल के मामले में कोहली उनसे बेहतर है.गांगुली ने ‘यू-ट्यूब’ पर 'रणवीर शो' में कोहली के बारे में कहा, ‘‘ मुझे नहीं लगता कि (कप्तान) तुलना होनी चाहिए, तुलना एक खिलाड़ी के तौर पर कौशल के मामले में होनी चाहिए. मुझे लगता है कि वह मुझसे ज्यादा कुशल है.’’ यह भी पढ़ें: बाबर अच्छी फॉर्म में हैं, बात सिर्फ इतनी है कि उनकी किस्मत उनके साथ नहीं : सकलैन मुश्ताक
कोहली को अपने अंतरराष्ट्रीय शतक के लिए 1020 दिन तक इंतजार करना पड़ा, उन्होंने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से एक महीने का ब्रेक लेने के बाद एशिया कप से टीम में वापसी की और अफगानिस्तान के खिलाफ भारत के आखिरी ‘सुपर फोर’ मैच में गुरुवार को दुबई में 61 गेंद में नाबाद 122 रन की शानदार पारी खेली.
गांगुली ने कहा, ‘‘ हम अलग-अलग दौर में खेले और हमने काफी क्रिकेट खेली। मैं अपनी पीढ़ी में खेला, और वह अभी खेलना जारी रखेगा, शायद मुझसे ज्यादा खेल खेलेगा.’’ उन्होंने कहा, ‘‘ मैंने कोहली के मुकाबले ज्यादा क्रिकेट खेला है लेकिन इस मामले में वह मुझ से आगे निकलेगा। वह कमाल का खिलाड़ी है.’’
गांगुली ने कहा कि क्रिकेट कैलेंडर काफी व्यस्त हो गया है और कोरोना वायरस महामारी के कारण पृथवास जैसी चीजों से पिछले दो सत्र काफी मुश्किल रहे. गांगुली से जब पूछा गया कि कोहली जब संघर्ष कर रहे थे तब क्या उन्होंने कोई सलाह दी थी। गांगुली ने कहा, ‘‘ वे (टीम) बहुत यात्रा करते है, मुझे उनसे मिलने का समय नहीं मिलता.’’
उन्होंने कहा, ‘‘ हर किसी के प्रदर्शन पर मीडिया की नजर रहती है। समय के साथ खिलाड़ियों के नाम बदलते रहते है। मुझे हालांकि इसका पता नहीं रहता है कि मीडिया में किसकी बात चल रही है क्योंकि होटल में पहुंचने के बाद मैं सबसे पहले रिसेप्शन पर कहता हूं कि मुझे अखबार नहीं चाहिये.’’
अपने क्रिकेट करियर के दौरान कोच ग्रेग चैपल से विवाद सहित कई उतार-चढ़ाव देखने वाले गांगुली ने कहा कि क्रिकेटरों को अपने खराब प्रदर्शन को भी सकारात्मक तरीके से लेना चाहिये.
उन्होंने कहा, ‘‘ मैं किसी मानसिक परेशानी से नहीं गुजरा। मेरे लिए अच्छे और बुरे दोनों तरह के समय रहे। मैंने बिना दबाव, कम दबाव और अधिक दबाव में खेल का लुत्फ उठाया है। मैं इसे गलत नहीं मानता हूं.’’
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