Formula 1600 National Championship: बेंगलुरु के 16 वर्षीय अभय मोहन ने जीती फॉर्मूला 1600 नेशनल चैंपियनशिप
2008 में जन्मे अभय ने रेसिंग पर ध्यान केंद्रित करने के लिए एनआईओएस होम स्कूलिंग की ओर रुख किया था. 12 में से 11 रेस जीतकर उन्होंने 300 में से 293 अंक हासिल किए. अंतिम रेस को रेड फ्लैग किया गया और फिर से पिट लेन से शुरू किया गया. इस रेस में अभय ने अपना धैर्य बनाए रखा और अपनी पहली चैंपियनशिप के अंत में जीत हासिल की.
चेन्नई: बेंगलुरु के 16 साल के प्रतिभाशाली ड्राइवर अभय मोहन ने रविवार को संपन्न हुए एमएमएससी इंडियन नेशनल कार रेसिंग चैंपियनशिप के चौथे और अंतिम राउंड में लगातार दस जीत दर्ज कर प्रतिष्ठित फॉर्मूला 1600 नेशनल चैंपियनशिप जीत ली. यह उनका पहला राष्ट्रीय खिताब भी है. Vinesh Phogat: विनेश फोगाट ने दिए संन्यास वापस लेने के संकेत, कहा- लोगों के प्यार से मिली है बहुत हिम्मत
2022 के जूनियर नेशनल कार्टिंग चैंपियन अभय इस साल ही सिंगल सीटर रेसिंग में आए थे. उन्होंने शानदार प्रदर्शन करते हुए पूरी तरह से अपना दबदबा बना लिया. अंतिम राउंड की आखिरी रेस से पहले तक उनका हर रेस में जीत का सिलसिला कायम रहा.
अपनी इस उपलब्धि के बाद अभय मोहन ने कहा, "सिंगल सीटर फॉर्मूला कारों में यह मेरा पहला साल है, लेकिन यह एक यादगार सीजन रहा है. नेशनल चैंपियन बनना और लगातार 10 जीत हासिल करना वाकई बहुत अच्छा लग रहा है. इतनी मेहनत के बाद, मुझे अपने माता-पिता, परिवार, दोस्तों और जेए मोटरस्पोर्ट्स का मिला समर्थन अद्भुत रहा. मैं उन सभी और अपने मैकेनिक्स को उनके शानदार काम के लिए धन्यवाद देना चाहता हूं."
उन्होंने लगातार 10 रेस जीती और केवल चैंपियनशिप जीतने के बाद ही अंक गंवाए. कुल 12 रेस वाली चैंपियनशिप में उन्होंने अपनी ड्राइविंग स्किल से अन्य प्रतिस्पर्धियों को पीछे छोड़ दिया. मुंबई के दो ड्राइवर जहान कमिसारियाट और राज बखरू चैंपियनशिप में दूसरे और तीसरे स्थान पर रहे.
2008 में जन्मे अभय ने रेसिंग पर ध्यान केंद्रित करने के लिए एनआईओएस होम स्कूलिंग की ओर रुख किया था. 12 में से 11 रेस जीतकर उन्होंने 300 में से 293 अंक हासिल किए. अंतिम रेस को रेड फ्लैग किया गया और फिर से पिट लेन से शुरू किया गया. इस रेस में अभय ने अपना धैर्य बनाए रखा और अपनी पहली चैंपियनशिप के अंत में जीत हासिल की.
अभय ने कहा, "मुझे खुशी है कि मुझे यहां रेस करने का मौका और सुविधाएं मिली. मैं एमआरएफ और एमएमएससी को धन्यवाद देता हूं. इससे हमें अपने रेसिंग करियर को बढ़ाने में मदद मिलती है और बेहतर अवसर खुलते हैं."