Wrestler Protest: पहलवानों के खिलाफ दर्ज मामला वापस ले सकती है दिल्ली पुलिस
धारा 188 (लोक सेवक द्वारा विधिवत आदेश की अवज्ञा), 186 (लोक सेवक को सार्वजनिक कार्यो के निर्वहन में बाधा डालना), 353 (सरकारी कर्मचारी को उसके कर्तव्य के निर्वहन से रोकने के लिए हमला या आपराधिक बल) के तहत मामला दर्ज किया गया है.
दिल्ली पुलिस नए संसद भवन का प्रधानमंत्री द्वारा उद्घाटन किए जाने के दौरान 28 मई को जंतर-मंतर के पास उपद्रव करने की आरोपी पहलवानों के खिलाफ दायर मामला वापस ले सकती है. विश्वस्त सूत्रों के अनुसार, पुलिस पहलवानों के खिलाफ दर्ज सभी मामलों को रद्द करने की सिफारिश करते हुए दो दिनों के भीतर एक रिपोर्ट पेश करेगी. यह भी पढ़ें: 6 जुलाई को होंगे रेसलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया का चुनाव, उसी दिन आएंगे नतीजे; बृजभूषण शरण सिंह को चुनाव लड़ने की होगी अनुमति
पुलिस के अनुसार, धारा 188 (लोक सेवक द्वारा विधिवत आदेश की अवज्ञा), 186 (लोक सेवक को सार्वजनिक कार्यो के निर्वहन में बाधा डालना), 353 (सरकारी कर्मचारी को उसके कर्तव्य के निर्वहन से रोकने के लिए हमला या आपराधिक बल) के तहत मामला दर्ज किया गया है. 332 (स्वेच्छा से लोक सेवक को उसके कर्तव्य से रोकने के लिए चोट पहुंचाना), 352 (गंभीर उकसावे के अलावा हमला या आपराधिक बल), 147 (दंगा करना) और 149 (गैरकानूनी सभा का प्रत्येक सदस्य सामान्य वस्तु के अभियोजन में किए गए अपराध का दोषी) पहलवानों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता और सार्वजनिक संपत्ति क्षति निवारण अधिनियम की धारा 3 दर्ज की गई थी. जंतर मंतर पर 109 लोगों सहित दिल्लीभर में 700 लोगों को हिरासत में लिया गया था.
13 जून निर्वाचन अधिकारी ने मंगलवार को जारी अधिसूचना में घोषणा की कि भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के बहुप्रतीक्षित चुनाव छह जुलाई को होंगे. यह घोषणा भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) द्वारा उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश महेश मित्तल कुमार को चुनाव प्रक्रिया को गति देने के लिए निर्वाचन अधिकारी नियुक्त करने के एक दिन बाद हुई है.