Sachin Tendulkar के पैरों पर क्यों गिरे थे युवा विराट कोहली, सचिन तेंडुलकर ने सुनाया 13 साल पुराना मजेदार किस्सा
अगस्त 2008 में विराट कोहली पहली बार भारतीय टीम के लिए चुने गए थे. अपने चयन की खबर सुन युवा कोहली बीते दो दिन से सिर्फ इसी सोच में पड़े थे कि वह सचिन से कब मिलेंगे. विराट की इस उत्सुकता को टीम के कुछ सीनियर खिलाड़ियों ने तुरंत भाप लिया और 20 साल के युवा चीकू के टांग खींचने की योजना भी बन गई.
मुंबई: क्रिकेट के भगवान सचिन तेंदुलकर (Sachin Tendulkar) ने एक यूट्यूब शॉ में शनिवार को अपने खेल के दिनों को याद करते हुए एक मजेदार किस्सा बताया, जिसमें उन्होंने बताया कि कैसे उनके कुछ साथियों ने सीनियर राष्ट्रीय टीम के साथ अपनी पहली श्रृंखला के दौरान विराट कोहली (Virat Kohli) पर एक प्रैंक किया था. कुछ खिलाड़ियों ने कोहली को कहा कि नए आने वाले खिलाड़ी सचिन तेंदुलकर को प्रणाम करते हैं. उस वक्त विराट कोहली टीम में नए थे इसका फायदा टीम के सीनियर खिलाड़ियों ने उठाया था. Happy Birthday Sachin Tendulkar: विराट कोहली ने सचिन तेंदुलकर को दी जन्मदिन की बधाई
अगस्त 2008 में विराट कोहली पहली बार भारतीय टीम के लिए चुने गए थे. अपने चयन की खबर सुन युवा कोहली बीते दो दिन से सिर्फ इसी सोच में पड़े थे कि वह सचिन से कब मिलेंगे. विराट की इस उत्सुकता को टीम के कुछ सीनियर खिलाड़ियों ने तुरंत भाप लिया और 20 साल के युवा चीकू के टांग खींचने की योजना भी बन गई.
टीम में युवराज सिंह-हरभजन सिंह बड़े शरारती थे और उन्हें युवराज सिंह,हरभजन सिंह,इरफान पठान,मुनाफ पटेल,Yuvraj Singh, Harbhajan Singh, Irfan Pathan, Munaf Patel भी युवी और भज्जी के साथ मिल गए. चारों ने मिलकर विराट से यह कहा कि तुम्हें ड्रेसिंग रूम में जैसे ही सचिन पाजी दिखे, तुम उनके पैरों में गिर जाना. टीम में पहली बार शामिल हुआ खिलाड़ी ऐसे ही सचिन तेंदुलकर से आशीर्वाद लेता है. यह हमारी परंपरा है. इसे सभी ने निभाया है. अब तुम्हारी बारी है.
सचिन तेंदुलकर ने कहा कि जब कोहली उनके पैरों पर गिरे तो उन्हें आश्चर्य हुआ, न जाने क्या हो रहा था. दोनों क्रिकेटरों ने पीछे मुड़कर अपने कंधे के पीछे देखा, तभी वे मसखरी करने वाले समूह को खड़े और हंसते हुए देख पाए. मुझे नहीं पता था कि क्या हो रहा है. मैंने उससे पूछा 'तुम क्या कर रहे हो?' मैंने, कोहली से कहा कि इसकी कोई जरूरत नहीं है और और यह भारतीय टीम की परंपरा नहीं है. फिर वो उठे और हमने उन लोगों की तरफ देखा, वो हंसने लगे.
बता दें कि मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर ने 2011 विश्व कप जीत को भी याद करते हुए कहा कि यह उनके करियर का सर्वश्रेष्ठ क्रिकेट क्षण है। तेंदुलकर ने आगे कहा कि वानखेड़े स्टेडियम में जीत के बाद विराट कोहली और यूसुफ पठान ने जब उन्हें अपने कंधों पर उठाया था तब उन्हें डर लग रहा था कि कहीं वो गिर ना जाए. सचिन तेंदुलकर ने 2011 वर्ल्ड कप में जीत को अविश्वसनीय अनुभव बताया.