बांग्लादेश के महान ऑलराउंडर शाकिब अल हसन (Shakib Al Hasan) ने पुष्टि की है कि वह अपने देश लौटने की संभावना नहीं रखते. वर्तमान में शाकिब अपने परिवार के साथ अमेरिका में रह रहे हैं और हाल ही में उन्होंने T20I फॉर्मेट से संन्यास लिया है. शाकिब ने हाल ही में भारत के खिलाफ खेले गए दो टेस्ट मैचों की श्रृंखला में हिस्सा लिया, जिसे कई लोग उनकी राष्ट्रीय टीम के लिए अंतिम श्रृंखला मान रहे हैं.
एक टेक्स्ट संदेश में ESPNcricinfo से बात करते हुए, शाकिब ने कहा, "मुझे नहीं पता मैं अगला कदम कहां उठाने वाला हूं, लेकिन यह लगभग निश्चित है कि मैं घर नहीं लौट रहा हूं." इस संदेश के साथ ही उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि वह बांग्लादेश लौटने को लेकर चिंतित हैं, जहां उन पर हत्या का आरोप लगाया गया है.
सरकार के गिरने के बाद स्थिति
शाकिब अल हसन, जो पूर्व में अवामी लीग के तहत सांसद रह चुके हैं, अगस्त में देशव्यापी प्रदर्शनों के बाद सरकार के गिरने के बाद से बांग्लादेश में नहीं हैं. इस संकट के दौरान, कई अवामी लीग के नेताओं को छिपने के लिए मजबूर होना पड़ा, कुछ को गिरफ्तार किया गया और कुछ को देश छोड़ने पर रोक लगा दी गई.
आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, शाकिब को अदाबर पुलिस थाने द्वारा एक हत्या के मामले में आरोपी ठहराया गया है, जो इन प्रदर्शनों से संबंधित है. हालांकि, बांग्लादेश क्रिकेट बोर्ड (BCB) ने उन्हें तब तक राष्ट्रीय टीम के लिए खेलने की अनुमति दी है जब तक उनकी गलती साबित नहीं हो जाती.
सलाह और सुरक्षा के मुद्दे
बांग्लादेश के युवा और खेल सलाहकार आसिफ महमूद ने भी शाकिब को घर लौटने से दूर रहने की सलाह दी है. उन्होंने समाचार एजेंसी एएफपी से बात करते हुए कहा, "मैंने शाकिब को सलाह दी है कि वह [बांग्लादेश] न आएं ताकि किसी अप्रिय घटना से बचा जा सके. यह निर्णय खिलाड़ियों की सुरक्षा और देश की छवि की रक्षा के लिए लिया गया है."
बांग्लादेश का क्रिकेटिंग भविष्य
बांग्लादेश के पास आगामी क्रिकेट सत्र में महत्वपूर्ण मैच हैं. टीम 21 अक्टूबर से दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ घरेलू टेस्ट श्रृंखला खेलेगी. इसके बाद, वे अफगानिस्तान और वेस्ट इंडीज के साथ भी मुकाबला करेंगे, जो ICC चैंपियंस ट्रॉफी की तैयारी के तहत होंगे.
शाकिब अल हसन की स्थिति और उनके भविष्य के फैसले निश्चित रूप से बांग्लादेश क्रिकेट के लिए महत्वपूर्ण रहेंगे, और उनके समर्थक यह उम्मीद कर रहे हैं कि वह जल्द ही सुरक्षित रूप से अपने देश लौट सकें.