Pak Govt Ban Betting Sponsorship: पाकिस्तान सरकार ने बेटिंग पर नकेल कसना किया शुरू, पाकिस्तान सुपर लीग में सट्टेबाजी के स्पोंसर पर लगाया बैन
पाकिस्तान के अंतरिम सरकार ने कई जुआ, सट्टेबाजी और कैसीनो कंपनियों पर प्रतिबंध लगाने की कार्रवाई की है जो कथित तौर पर पाकिस्तान सुपर लीग (पीएसएल) में कुछ टीमों को प्रायोजित कर रही थीं और मीडिया आउटलेट्स के माध्यम से विज्ञापन दे रही थीं. इससे फ्रेंचाइजी और खिलाड़ियों के कमाई में कमी आ सकती है.
Pak Govt Ban Betting Sponsorship: पाकिस्तान की अंतरिम सरकार ने सट्टेबाजी कंपनियों पर नकेल कसना शुरू कर दी है. पीएसएल 2024 के लिए दिक्कतें इसलिए भी बढ़ गई हैं क्योंकि कई जुआ कंपनियां पाकिस्तान सुपर लीग फ्रेंचाइजी की टाइटल स्पोंसर हैं. सरकार ने सख्त सलाह देते हुए फ्रेंचाइजीयों से कहा कि कैसीनो और जुआ कंपनियों के साथ सभी प्रकार के संबंध रद्द किए जाने चाहिए. इससे पहले भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) ने आईपीएल फ्रेंचाइजियों के स्पोंसर पर प्रतिबंध लगा दिया था. मुल्तान सुल्तांस जैसी कुछ फ्रेंचाइजी सट्टेबाजी को प्रायोजित करती हैं लेकिन मोहम्मद रिज़वान ने ब्रांड को बढ़ावा देने से इनकार कर दिया. यह भी पढ़ें: पाकिस्तानी क्रिकेटरों की बढ़ेगी कमाई, जानें नए सेंट्रल कॉन्ट्रैक्ट के बाद कितनी मिलेगी सैलरी?
पाकिस्तान सुपर लीग मैचों के दौरान जर्सी पर लोगो को ढक दिया था. वास्तव में, ऐसी सट्टेबाजी कंपनियां पारंपरिक व्यवसायों की तुलना में टीमों को बेहतर प्रायोजन सौदे प्रदान करती हैं. पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था पहले से ही उथल-पुथल में है, फ्रेंचाइजी के लिए इन सट्टेबाजी कंपनियों द्वारा दी जाने वाली कीमतों के बराबर या उससे बेहतर कीमत पर स्पोंसर प्राप्त करना मुश्किल होगा. हालाँकि, सरकार ने न केवल पीएसएल बल्कि ऑनलाइन मीडिया, निजी लीग और टेलीविजन चैनलों को भी अनुबंध से दूर रहने के लिए कहा है.
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कुछ महीने पहले ही पाकिस्तानी खिलाड़ियों ने नशीले पदार्थो जैसे गुटखा, शराब, सिगरेट को प्रोमोट न करने का फैसला किया था. जिसमे कप्तान बाबर आज़म और मोहम्मद रिजवान इस में सबसे आगे आये थे. अब पाकिस्तान के अंतरिम सरकार ने कई जुआ, सट्टेबाजी और कैसीनो कंपनियों पर प्रतिबंध लगाने की कार्रवाई की है जो कथित तौर पर पाकिस्तान सुपर लीग (पीएसएल) में कुछ टीमों को प्रायोजित कर रही थीं और मीडिया आउटलेट्स के माध्यम से विज्ञापन दे रही थीं. इससे फ्रेंचाइजी और खिलाड़ियों के कमाई में कमी आ सकती है.