धोनी के ग्लव्स पर 'बलिदान बैज' से पाकिस्तान को लगी मिर्ची, इमरान के मंत्री ने कहा- क्रिकेट खेलने गए हैं, महाभारत के लिए नहीं
फवाद हुसैन ने ट्विटर पर लिखा- 'धोनी इंग्लैंड में क्रिकेट खेलने गए हैं महाभारत करने के लिए नहीं. भारतीय मीडिया में क्या बेहूदा डिबेट चल रहा है. भारतीय मीडिया का एक धड़ा युद्ध के प्रति इतना ज्यादा आसक्त हैं कि उन्हें सीरिया, अफगानिस्तान या रवांडा मर्सनेरी (किराए के सैनिक) बनाकर भेज देना चाहिए.'
आईसीसी क्रिकेट वर्ल्ड कप (ICC Cricket World Cup 2019) पूर्व भारतीय कप्तान और अनुभवी विकेटकीपर-बल्लेबाज महेंद्र सिंह धोनी (MS Dhoni) द्वारा बलिदान बैज (Balidaan Badge) वाले ग्लव्स पहनने पर विवाद जारी है. इस बीच पूरे मामले में पाकिस्तान की प्रतिक्रिया भी सामने आई है. इमरान खान सरकार में विज्ञान और तकनीक मंत्री चौधरी फवाद हुसैन (Chaudhry Fawad Hussain) ने इस मुद्दे पर भारतीय मीडिया द्वारा की जा रही कवरेज पर निशाना साधते हुए कहा कि धोनी इंग्लैंड क्रिकेट खेलने गए हैं, न की महाभारत करने.
फवाद हुसैन ने ट्विटर पर लिखा- 'धोनी इंग्लैंड में क्रिकेट खेलने गए हैं महाभारत करने के लिए नहीं. भारतीय मीडिया में क्या बेहूदा डिबेट चल रहा है. भारतीय मीडिया का एक धड़ा युद्ध के प्रति इतना ज्यादा आसक्त हैं कि उन्हें सीरिया, अफगानिस्तान या रवांडा मर्सनेरी (किराए के सैनिक) बनाकर भेज देना चाहिए.' फवाद हुसैन के इस ट्वीट पर सोशल मीडिया यूजर्स उनकी काफी खिंचाई की.
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बता दें कि धोनी के ग्लव्स पर हुए विवाद पर BCCI उनके साथ खड़ा है. बड़ी संख्या में खिलाड़ी उनके फैंस समर्थन में उतर गए हैं. भारतीय खिलाड़ियों का कहना है कि बलिदान बैज पहनना सम्मान की बात है और आईसीसी को इस तरह की सख्ती नहीं दिखानी चाहिए. बीसीसीआई के सीओए विनोद राय ने कहा कि बोर्ड ने इस बारे में आईसीसी को पत्र लिखा है.
जबकि राजीव शुक्ला ने कहा कि ग्लब्स पर सेना के बलिदान का बैज लगाकर धोनी ने आईसीसी के किसी नियम का उल्लंघन नहीं किया है. विनोद राय ने कहा हम अपने खिलाड़ियों के साथ खड़े हैं. धोनी के दस्ताने पर जो चिह्न है, वह किसी धर्म का प्रतीक नहीं है और न ही यह कॉमर्शियल है.
क्या है बलिदान चिन्ह
'बलिदान' विशेष बलों का एक विशिष्ट प्रतीक है, जो पैराशूट रेजिमेंट का हिस्सा है. केवल पैरामिलिट्री कमांडो को ही बलिदान बैज पहनने की अनुमति है. इस बैज में 'बलिदान' शब्द को देवनागरी लिपि में लिखा गया है. यह बैज चांदी से बना होता है. बैज के दोनों तरफ विंग्स और बीच में खंजर होता है.
महेंद्र सिंह धोनी को साल 2011 में पैराशूट रेजिमेंट में लेफ्टिनेंट कर्नल की मानद रैंक से सम्मानित किया गया था. धोनी ने अपनी पैरा रेजिमेंट के साथ खास ट्रेनिंग भी हासिल की है. धोनी ने 2015 में पैरा ब्रिगेड के तहत प्रशिक्षण प्राप्त किया था. विश्व कप में टीम इंडिया के पहले मुकाबले में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ धोनी ने जो दस्ताने पहने थे, उन पर सेना का बलिदान बैज बना हुआ था.