नई दिल्ली, 19 मार्च: आज हम आपको मुंबई (Mumbai) के एक ऐसे क्रिकेटर की कहानी बताने वाले हैं जिसने घरेलू क्रिकेट में शानदार प्रदर्शन करते हुए 10 हजार भी अधिक रन बनाए, फिर उन्हें भारतीय टीम के लिए कभी खेलने का मौका नहीं मिला. जी हां हम बात कर रहे हैं देश के होनहार खिलाड़ी अमोल मजूमदार (Amol Muzumdar) के बारे में. मजूमदार ने घरेलू क्रिकेट में 171 फर्स्ट क्लास क्रिकेट मैच खेलते हुए 260 पारियों में 48.1 की एवरेज से 11167 रन बनाए हैं. फर्स्ट क्लास क्रिकेट में उनके नाम 30 शतक और 60 अर्धशतक दर्ज है. इसके अलावा उन्होंने लिस्ट A क्रिकेट में 113 मैच खेलते हुए 106 पारियों में 38.2 की एवरेज से 3286 और 14 T20 मैच खेलते हुए 13 पारियों में 19.3 की एवरेज से 174 रन बनाए. इसके बावजूद उन्हें टीम इंडिया के लिए कभी खेलने का मौका नहीं मिला.
बता दें कि अमोल मजूमदार का जन्म 11 नवंबर 1974 में महाराष्ट्र (Maharashtra) की राजधानी मुंबई में हुआ. उन्होंने महज 14 साल की उम्र से ही क्रिकेट खेलना शुरू कर दिया था. मजूमदार को क्रिकेट की बारीकियां रमाकांत आचरेकर (Ramakant Achrekar) से प्राप्त हुई. आचरेकर ने ही सचिन तेंदुलकर (Sachin Tendulkar) और विनोद कांबली (Vinod Kambli) जैसे क्रिकेटरों को भी क्रिकेट के गुर सिखाए थे.
अमोल मजूमदार ने अपना पहला मैच अंडर-15 के तहत मुंबई के लिए सौराष्ट्र के खिलाफ खेला. इस मुकाबले में उन्होंने उम्दा बल्लेबाजी करते हुए शतक जड़ा. इस मुकाबले में उन्होंने नाबाद 125 रनों की पारी खेली. इसके पश्चात् उन्होंने साल 1991 में मुंबई के लिए अंडर-16 मैच खेले. इस दौरान उन्होंने लगातार तीन शतक लगाए. इसके पश्चात् उन्हें साल 1992 में मुंबई के लिए अंडर-19 टीम में चुना गया. मजूमदार ने यहां भी शानदार बल्लेबाजी करते हुए तीन शतक लगाए.
साल 1994 में उन्होंने अंडर-19 चिदंबरम ट्रॉफी में धुवांधार बल्लेबाजी करते हुए पांच शतक लगाए. इसके पश्चात् उन्हें रणजी ट्राफी खेलने का मौका मिला. उन्होंने अपने पहले ही मुकाबले में 260 रन की बेहतरीन पारी खेली. रणजी ट्राफी में बेहतरीन प्रदर्शन का फल उन्हें मिला और उन्हें टीम इंडिया के लिए अंडर-19 में चुना गया. इस दौरान उन्होंने इंग्लैंड टूर पर भारत के लिए उम्दा बल्लेबाजी करते हुए एक शतक और एक अर्धशतक लगाया.
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अमोल मजूमदार के लिए साल 1995 बेहद शानदार रहा. उन्होंने इस साल 15 मैच खेलते हुए कुल 1068 रन बनाए. मजूमदार ने अपने 21 साल के क्रिकेट करियर में अपनी टीम के लिए कई खिताब जीते. उन्होंने करीब 15 साल मुंबई के लिए खेला. इसके पश्चता असम और आंध्र प्रदेश के लिए खेले. मजूमदार ने अपने क्रिकेट करियर का आखिरी मैच साल 2013 में खेला. इसके पश्चात् उन्होंने साल 2014 में क्रिकेट को अलविदा कह दिया.
क्रिकेट से संन्यास लेने का बाद उन्होंने नेशनल क्रिकेट एकेडमी में खिलाड़ियों को कोचिंग दी. मजूमदार नीदरलैंड और आईपीएल में राजस्थान रॉयल्स टीम के बैटिंग कोच भी रह चूके हैं.