क्रिकेट से संन्यास के बाद सेना में शामिल होकर देश सेवा करना चाहते हैं महेंद्र सिंह धोनी, सियाचीन में पोस्टिंग की इच्छा
कहा जा रहा है कि एमएस धोनी रिटायरमेंट के बाद देश-सेवा करना चाहते हैं. साथ ही यह भी बताया जा रहा है कि बतौर सैनिक दुनिया के सबसे दुर्गम इलाकों में शुमार सियाचिन में पोस्टिंग चाहते हैं.
क्रिकेट विश्व कप के बाद टीम इंडिया के दिग्गज खिलाड़ी महेंद्र सिंह धोनी (Mahendra Singh Dhoni) के संन्यास की चर्चाएं सुर्खियों में है. हालांकि अभी तक यह सिर्फ चर्चा ही है. इस बारे में अभी तक धोनी की तरफ से कुछ स्पष्ट नहीं किया गया है. इस बीच धोनी को लेकर एक और खबर आ रही है. कहा जा रहा है कि एमएस धोनी रिटायरमेंट के बाद देश सेवा करना चाहते हैं. साथ ही यह भी बताया जा रहा है कि बतौर सैनिक दुनिया के सबसे दुर्गम इलाकों में शुमार सियाचिन में पोस्टिंग चाहते हैं. एबीपी न्यूज ने इस बात का खुलासा धोनी के एक करीबी दोस्त के हवाले से किया है.
एबीपी न्यूज के मुतबिक धोनी के एक दोस्त ने बताया है कि वह कुछ महीनों के लिए सियाचिन में पोस्टिंग चाहते हैं. धोनी देश की सेवा करना चाहते हैं जैसे सैनिक करते हैं. वह जल्द सेना से संपर्क कर अपनी इच्छा जाहिर कर सकते हैं. रिपोर्ट के मुताबिक धोनी के दोस्त ने बताया कि माही की ख्वाहिश है कि उन्हें कुछ महीनों के लिए सियाचिन में पोस्टिंग मिले. धोनी एक सैनिक की तरह देश की सेवा करना चाहते हैं.
टेरिटोरियल आर्मी का हिस्सा हैं धोनी
एमएस धोनी भारतीय सेना की टेरिटोरियल आर्मी में लेफ्टिनेंट कर्नल के मानद पद पर तैनात हैं. धोनी ने बाकायदा पैराट्रुपर की ट्रेनिंग भी ली है. टेरिटोरियल आर्मी इंडियन आर्मी का ही एक हिस्सा है. जिसमें वॉलंटियर्स को हर साल दो से तीन महीनों का सैनिक प्रशिक्षण दिया जाता है ताकि जरूरत पड़ने पर देश की रक्षा के लिए उनकी सेवाएं ली जा सके.
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सेना के लिए धोनी का प्यार किसी से छिपा नहीं है. वे कई बार सेना के प्रति अपना प्यार और सम्मान जता चुके हैं. बीते साल जब धोनी को पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था तो उस समय वे सेना की वेशभूषा में ही नजर आए थे. इसके अलावा विश्व कप के मैच के दौरान भी एमएस धोनी ने बलिदान बैज वाले ग्लव्स पहने थे. हालांकि ICC द्वारा इसे नियम का उल्लंघन बताए जाने पर धोनी को अगले मैच में बलिदान बैज वाले ग्लव्स पहनने की इजाजत नहीं मिली थी.