कोलकाता, 6 नवंबर: भारत के बाएं हाथ के स्पिन ऑलराउंडर रवींद्र जडेजा ने दक्षिण अफ्रीका के स्पिनरों को अच्छी तरह से संभालने के लिए विराट कोहली और मध्यक्रम के बल्लेबाजों को जीत का श्रेय दिया. भारत ने अफ्रीकी टीम को विश्व कप के लीग चरण में 243 रन से हराकर लगातार आठवीं जीत हासिल की. यह भी पढ़ें: अपने बर्थडे पर Virat Kohli का पहला रिएक्शन, जन्मदिन पर मिली बधाइयों के लिए सभी को कहा धन्यवाद, देखें ट्वीट
बर्थडे बॉय विराट कोहली के 49वें वनडे शतक और श्रेयस अय्यर के शानदार 77 रन के साथ, भारत ने पहले बल्लेबाजी करने के बाद दक्षिण अफ्रीका के सामने 326/5 का स्कोर बनाया. साथ ही अपनी शतकीय पारी के दौरान विराट कोहली ने वनडे फॉर्मेट में सबसे ज्यादा शतक लगाने वाले खिलाड़ी सचिन तेंदुलकर के रिकॉर्ड की बराबरी की है.
327 रन का पीछा करने उतरी अफ्रीकी टीम को भारतीय गेंदबाजों ने कोई मौका नहीं दिया. रवींद्र जडेजा ने मात्र 33 रन देकर 5 विकेट लिए, जिससे दक्षिण अफ्रीका 27.1 ओवर में 83 रन पर ऑलआउट हो गई.
जडेजा ने कहा, "मुझे लगता है कि जब दक्षिण अफ्रीका गेंदबाजी कर रही थी तो टर्न अधिक था और विकेट का उछाल कम. लेकिन अब, अगर आप मुझसे व्यक्तिगत रूप से पूछें, तो दोपहर के मुकाबले शाम का विकेट थोड़ा आसान था.
"हालांकि, आसान कहना सही नहीं है लेकिन वह दोपहर से काफी अच्छा था, क्योंकि दोपहर में टर्न था और यह पिच स्लो थी. इसलिए, बल्लेबाज हिट नहीं कर सके. लेकिन इसका श्रेय विराट और मध्यक्रम के बल्लेबाजों को जाता है जिन्होंने विरोधी स्पिनरों को संभाला, यह बहुत शानदार था."
जडेजा ने मैच के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, ''हमें अंदाजा था कि जब भी हम कोलकाता आते हैं तो वहां की पिच पर उछाल कम होती है. तो शायद यह एक फायदा था कि हमें पता था कि स्पिन होगी और विकेट स्लो होगी. मानसिक रूप से हम इसके लिए तैयार थे."
उन्होंने यह भी महसूस किया कि ईडन गार्डन्स में कोहली का शतक भारत की जीत में योगदान देने का उनका एक बहुत बड़ा प्रयास था. जडेजा ने कहा कि मैं कहूंगा कि यह उनके लिए विशेष है और कठिन भी, क्योंकि दोपहर में जिस तरह का विकेट था, एक समय ऐसा लगा कि 260-270 भी ठीक है और उस समय, स्ट्राइक रोटेट करना और बाउंड्री लगाना बहुत चुनौतीपूर्ण रहा होगा.
"तो, विशेष रूप से मैं कहूंगा कि जब टीम रन नहीं बना रही थी, तो उनके दोनों स्पिनर अच्छी गेंदबाजी कर रहे थे और ऐसे समय में स्ट्राइक रोटेट करना, बाउंड्री लगाना और 300 से ऊपर का स्कोर बनाना और नॉट आउट रहना यह आसान नहीं था.
गेंदबाजी में 5-33 के अलावा जडेजा ने 15 गेंदों में 29 रन भी बनाए, जिसमें आखिरी ओवर में मार्को जानसन का छक्का और दो चौके शामिल थे. वह युवराज सिंह के बाद विश्व कप में पांच विकेट लेने वाले दूसरे भारतीय स्पिनर और मौजूदा टूर्नामेंट में पांच विकेट लेने वाले पांचवें गेंदबाज भी बन गए.
अपने दमदार प्रदर्शन पर जडेजा ने कहा, "मैं हमेशा बल्लेबाजी या गेंदबाजी में प्रभावशाली प्रदर्शन करने की कोशिश करता हूं. जब टीम को किसी भी विभाग में मेरी जरूरत होती है, वहां मैं तैयार रहता हूं. मैं फील्डिंग को कभी हल्के में नहीं लेता. इसलिए, मैं हमेशा अधिक तैयार रहता हूं. एक ऑलराउंडर के रूप में मैं हमेशाम अपनी टीम के लिए बल्ले और गेंद दोनों से अपना बेस्ट देना चाहता हूं."