What Does Retirement from All Forms of Indian Cricket Mean? भारतीय राष्ट्रीय क्रिकेट टीम(India National Cricket Team) के एक भरोसेमंद और सम्मानित बल्लेबाज चेतेश्वर पुजारा(Cheteshwar Pujara) ने 24 अगस्त 2025 को आधिकारिक तौर पर भारतीय क्रिकेट के सभी फॉर्मेट से संन्यास लेने की घोषणा कर दी है. 37 वर्षीय पुजारा ने सोशल मीडिया पर भावुक पोस्ट लिखते हुए कहा कि भारतीय जर्सी पहनना, राष्ट्रगान गाना और हर बार मैदान पर पूरी मेहनत करना उनके लिए अभूतपूर्व सम्मान था. उन्होंने कहा, "जैसा कहा जाता है, हर अच्छी चीज़ का अंत होता है. मैं गहरे आभार के साथ भारतीय क्रिकेट के सभी फॉर्मेट से संन्यास लेने का निर्णय ले चुका हूं." चेतेश्वर पुजारा ने क्रिकेट के सभी फॉर्मेट से लिया संन्यास, जानिए कैसा रहा टीम इंडिया के स्टार बल्लेबाज का कैरियर
पुजारा का करियर 2010 में शुरू हुआ और वे तब से भारत के लिए 103 टेस्ट मैच और 5 वनडे मुकाबले खेल चुके हैं. उन्होंने टेस्ट क्रिकेट में कुल 7,195 रन बनाए, जिनमें 19 शतक और 35 अर्धशतक शामिल हैं, और विदेशी परिस्थितियों में भारतीय बल्लेबाजी की मजबूत नींव बने रहे. उनका आखिरी टेस्ट मैच जून 2023 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ विश्व टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल था.
क्या है भारतीय क्रिकेट के सभी फॉर्मेट से संन्यास का मतलब?
पुजारा के संन्यास बयान में साफ कहा गया है कि वे "भारतीय क्रिकेट के सभी फॉर्मेट" से संन्यास ले रहे हैं, यानी अब वे BCCI के अंतर्गत किसी भी घरेलू या अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में हिस्सा नहीं लेंगे. हालांकि, इसका यह मतलब बिल्कुल नहीं है कि वे क्रिकेट खेलना पूरी तरह छोड़ देंगे. यह संन्यास केवल भारत सरकार और BCCI के प्रभाव क्षेत्र के लिए है. पुजारा अभी भी विदेशी लीजेंड्स लीग्स या फ्रेंचाइजी आधारित घरेलू टूर्नामेंट जैसे श्रीलंका, यूएई, कनाडा आदि देशों में खेल सकते हैं. BCCI ने भारतीय खिलाड़ियों को विदेशी लीग खेलने के लिए कूलिंग ऑफ पीरियड भी दिया है, जिसका फायदा पुजारा आने वाले वर्षों में उठा सकते हैं. इसके अलावा वे विभिन्न वेटरंस या लीजेंड्स क्रिकेट लीग में भी खेल सकते हैं.
संन्यास के बाद नया अध्याय
क्रिकेट से संन्यास के साथ ही पुजारा ने मीडिया और कमेंट्री में भी कदम बढ़ाया है. भारत के इंग्लैंड दौरे के दौरान वे कमेंटेटर के तौर पर नजर आए थे, जो उनके नए करियर का संकेत है. यह उनके लिए क्रिकेट के बाहर भी नई संभावनाओं का द्वार खोलता है.
चेतेश्वर पुजारा ने नंबर 3 की भूमिका को राहुल द्रविड़ के बाद पूरी जिम्मेदारी और अनुशासन के साथ निभाया। वे भारतीय टेस्ट क्रिकेट की दीवार के रूप में जाने जाते थे, जिन्होंने कई कठिन परिस्थितियों में भारत को संभाला। उनके संन्यास के साथ भारतीय क्रिकेट में एक युग का अंत हो गया है, और उनकी जगह भविष्य के नए बल्लेबाजों को संभालनी होगी।
फैंस और विशेषज्ञ पुजारा के भविष्य को लेकर उत्सुक हैं कि क्या उनका क्रिकेट के मैदान से पूरी दूरी बन जाएगी या वे किसी विदेशी लीग या वेटरंस प्रतियोगिता में अपनी बल्लेबाजी का जादू दिखाते नजर आएंगे। फिलहाल, यह संन्यास भारतीय क्रिकेट के लिए एक भावुक क्षण है, जहां एक महान खिलाड़ी ने देश की सेवा करके क्रिकेट प्रेमियों के दिलों में अपनी अमिट छवि छोड़ दी है।













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