एशियाई खेल 2018: एथलेटिक्स-बैडमिंटन में भारत को मिली ऐतिहासिक सफलता, जानिए किस खेल में आज क्या हुआ

इस स्पर्धा में भारत को 2002 के बाद पहली बार पदक मिला जबकि 1962 के बाद भारत ने इस स्पर्धा में पहली बार स्वर्ण और रजत हासिल किए हैं. 1962 में एशियाई खेलों का आयोजन जकार्ता में किया गया था.

मनजीत सिंह (File Photo)

जकार्ता. भारत के लिए यहां जारी 18वें एशियाई खेलों का 10वां दिन शानदार रहा. इस दिन भारत को कई ऐतिहासिक पदक मिले. भारत को एथलेटिक्स से अच्छी खबरें ज्यादा मिली. मनजीत सिंह ने पुरुषों की 800 मीटर दौड़ में स्वर्ण पदक जीत तो वहीं इसी स्पर्धा में जेसन जॉनसन ने भी रजत पदक पर कब्जा जमाया. इस स्पर्धा में भारत को 2002 के बाद पहली बार पदक मिला जबकि 1962 के बाद भारत ने इस स्पर्धा में पहली बार स्वर्ण और रजत हासिल किए हैं. 1962 में एशियाई खेलों का आयोजन जकार्ता में किया गया था.

वहीं पहली बार एशियाई खेलों में आयोजित की गई चार गुणा 400 मीटर मिश्रित रिले टीम स्पर्धा में भारत ने रजत पदक पर कब्जा जमाया। एथलेटिक्स से भारत को एक बुरी खबर भी मिली. महिलाओं की 200 मीटर स्पर्धा के सेमीफाइनल में पदक की दावेदार मानी जा रही हिमा दास हीट-2 में फाउल के कारण बाहर हो गई. इसी स्पर्धा की हीट-1 में हालांकि दुती चंद ने दूसरा स्थान हासिल करते हुए फाइनल के लिए क्वालीफाई कर लिया. यह भी पढ़े-एशियाई खेल 2018: मेडल लाओ मालामाल हो जाओ, दिल्ली सरकार खिलाड़ियों को देगी 3 करोड़ 

भारत की पुरुष और महिला तीरंदाजी कम्पाउंड टीम ने देश को सुबह-सुबह अच्छी खबर दी. दोनों टीमें रजत पदक अपने नाम करने में सफल रहीं. इसके बाद रियो ओलम्कि की रजत पदक विजेता महिला बैड़मिंटन खिलाड़ी पी.वी. सिंधु ने रजत पदक पर कब्जा जमाया.

दिन का पहला और भारत का इन खेलों का कुल नौवां स्वर्ण शाम को आया. मनजीत ने 1 मिनट 46.15 सेकेंड का समय निकाला स्वर्ण पदक पर कब्जा जमया. तो वहीं जॉनसन एक मिनट 46.35 सेकेंड का समय निकाला कर रजत जीतने में सफल रहे. कांस्य पदक कतर के अब्दुला अबु बकर के नाम रहा जिन्होंने एक मिनट 46.38 सेकेंड. यह भी पढ़े-एशियाई खेल 2018: यहां देखें किस देश की झोली में गए कितने मेडल

मनजीत अंतिम 200 मीटर तक पांचवें स्थान पर चल रहे थे, लेकिन बाद में उन्होंने चतुराई से अपनी रफ्तार बढ़ाई और जिनसन तथा अबु को पछाड़ स्वर्ण अपने नाम किया.

मनजीत और जॉनसन के अलावा भारत को एक और ऐतिहासिक सफलता मोहम्मद अनस, पूवाना राजू माचेत्रा, हिमा दास और राजीव अरोकिया की टीम ने दिलाई. इन चारों ने तीन चार गुणा 400 मीटर मिश्रित रिले टीम स्पर्धा में तीन मिनट 15.71 सेकेंड का समय निकालते हुए रजत पदक पर कब्जा जमाया. यह भी पढ़े-एशियाई खेल (कुराश): मालाप्रभा ने भारत को दिलाया ब्रॉन्ज मेडल, पिंकी फाइनल मे पहुंची

स्पर्धा का स्वर्ण बहरीन के नाम रहा जिसने तीन मिनट 11.89 सेकेंड का समय निकाला जबकि कजाकिस्तान की टीम तीन मिनट 19.52 सेकेंड का समय निकाल कर तीसरे स्थान पर रहीं.

हिमा का बाहर होना हालांकि निराशजनक रहा. रेस में हिस्सा लेने वाले खिलाड़यों को बंदूक की आवाज के बाद दौड़ना शुरू करना होता है लेकिन हिमा ने बंदूक चलने से पहले ही अपना स्थान छोड़ दिया और इस तरह वह बाहर हो गईं. इसी स्पर्धा में दुती ने सेमीफाइनल के हीट-1 में 23.00 सेकेंड का समय निकालते हुए पहला स्थान हासिल कर फाइनल का टिकट कटाया. यह भी पढ़े-एशियाई खेल 2018: पुरुषों की 800 मीटर में मनजीत ने जीता गोल्ड, जॉनसन को मिला सिल्वर

भारतीय महिला तीरंदाजी काम्पाउंड टीम ने पहली बार इस स्पर्धा में रजत पदक हासिल किया है, वहीं पुरुष टीम को पिछले एशियाई खेलों में जीते स्वर्ण पदक से हाथ धोकर रजत से संतोष करना पड़ा.

मुस्कान किरार, मधुमिता कुमारी और ज्योति सुरेखा वेन्नम की भारतीय टीम को दक्षिण कोरिया ने फाइनल मुकाबले में 228-231 से मात दी. इससे पहले, 2014 में हुए एशियाई खेलों में भारतीय टीम ने महिला कंपाउंड टीम स्पर्धा का कांस्य पदक हासिल किया था. यह भी पढ़े-एशियाई खेल 2018: श्रीलंका को करारी मात देकर, भारत ने की पुरुष हॉकी के सेमीफाइनल में एंट्री

पुरुष टीम को फाइनल में दक्षिण कोरिया से शूट-ऑफ में हार मिली। भारत और दक्षिण कोरिया का स्कोर चार सेटों के बाद 229-229 से बराबर था. शूट-ऑफ में भी भारत ने दक्षिण कोरिया को बराबरी की टक्कर दी, लेकिन प्रतिद्वंद्वी टीम के तीर सेंटर सर्कल में अधिक थे और इस कारण दक्षिण कोरिया ने स्वर्ण पदक पर कब्जा जमा लिया.

टेबल टेनिस में भी भारत पहली बार एशियाई खेलों में कांस्य जीतने में सफल रहा। भारतीय पुरुष टीम को सेमीफाइनल मुकाबले में दक्षिण कोरिया की टीम ने 3-0 से मात दी. पहले मैच में साथियान गनाशेखरन को दक्षिण कोरिया के खिलाड़ी सांग्सु ली ने 11-9, 9-11, 3-11, 3-11 से मात देकर अपनी टीम का खाता खोला.

दूसरे मैच में अचंता शरथ कमल को सिक योंग जियोंग ने 9-11, 9-11, 11-6, 11-7, 8-11 से हरा दिया. तीसरे मैच में दक्षिण कोरिया के वुजिन जांग ने एंथोनी अमलराज को 11-5, 11-7, 4-11, 11-7 से मात दी.

फाइनल में हार की आदि हो चुकी सिंधु एशियाई खेलों में भी फाइनल में हार गईं. हालांकि उनका यह पदक भी ऐतिहासिक है क्योंकि एशियाई खेलों में पहली बार भारत ने एकल स्पर्धा में रजत पदक जीता है. सिंधु को फाइनल में चीनी ताइपे की ताइ जु यिंग से ने 34 मिनटों के भीतर सीधे गेमों में 21-13, 21-16 से मात दी और सोने पर कब्जा जमाया। यिंग का भी यह एशियाई खेलों में पहला स्वर्ण पदक है.

एक अनजान से खेल कुराश में भी भारत ने पदक पक्का किया। कुराश की महिलाओं की 52 किलोग्राम भारवर्ग स्पर्धा के फाइनल में पंकी बालहारा ने प्रवेश कर पदक पक्का कर लिया है। इसी भारवर्ग में हालांकि मालाप्रभा याल्प्पा जाधव सेमीफाइनल में हार गईं।

पिंकी ने अंतिम चार के मुकाबले में उज्बेकिस्तान की अबदुमनाजिडोवा ओयुसुलव को 3-0 से मात देकर फाइनल का टिकट कटाया. मालाप्रभा को सेमीफाइनल में उज्बेकिस्तान की गुलनोर सुल्यामानोव ने 10-0 से शिकस्त दी.

हॉकी में मौजूदा विजेता भारत की पुरुष टीम ने अपना शानदार प्रदर्शन जारी रखा है. उसने श्रीलंका को पूल-ए के मैच में 20-0 से मात दी.

स्क्वॉश में भी भारत की महिला टीम ने मंगलवार को पहले थाईलैंड और फिर इंडोनेशिया के खिलाफ खेले गए मैचों में 3-0 के समान स्कोर से जीत हासिल की. वहीं पुरुष टीम ने कतर को 2-1 से हरा दिया.

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