देश की शान डॉक्टर अरुणिमा सिन्हा (Arunima Sinha) ने गुरुवार को माइनस 40 से 45 डिग्री सेल्सियस तापमान के बीच 12 बजकर 27 मिनट पर अंटार्कटिका के सबसे ऊंचे शिखर माउंट विंसन (Vinson Massif) का माथा चूम एक और वर्ल्ड रिकॉर्ड अपने नाम कर लिया है. जी हां उत्तर प्रदेश के इस बेटी ने तेज बर्फीले तूफानों के बीच ऑक्सिजन के सहारे जिंदगी और मौत के बीच चलती जद्दोजहद, के बीच यह कारनामा कर दिखाया. बता दें कि ऐसा अविश्वसनीय कारनामा करने वाली वह दुनिया की पहली महिला दिव्यांग पर्वतारोही बन गई हैं. ज्ञात हो कि अरुणिमा का एक पैर कृत्रिम है.
देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने अरुणिमा को बधाई देते हुए ट्वीट किया, 'अरुणिमा सिन्हा को सफलता का नया शिखर छूने के लिए बधाई. वह भारत की गौरव हैं, जिन्होंने अपने कठिन परिश्रम और दृढ़ता की बदौलत यह मुकाम हासिल किया है. भविष्य में उनके प्रयासों के लिए मैं बहुत-बहुत शुभकामनाएं देता हूं.'
Excellent!
Congratulations to @sinha_arunima for scaling new heights of success.
She is the pride of India, who has distinguished herself through her hardwork and perseverance.
Wishing her the very best for her future endeavours. https://t.co/Fi8GTQ1QVn
— Narendra Modi (@narendramodi) January 4, 2019
बता दें कि अरुणिमा ने गुरुवार को ट्विटर पर ट्विट करते हुए इस उपलब्धि के बार में बताया था. उन्होंने कहा- हमें आपको बताते हुए खुशी हो रही है कि विश्व रेकॉर्ड बन चुका है.' अरुणिमा इससे पहले भी एक कृत्रिम पैर के सहारे एवरेस्ट फतह करने वाली दुनिया की एकमात्र महिला हैं. यही नहीं वह किलिमंजारो (अफ्रीका), एल्ब्रुस (रूस), कास्टेन पिरामिड (इंडोनेशिया), किजाश्को आदि पर भी जा चुकी है.
it's natural.
When प्रधान सेवक of country is so much dedicated
We as a citizen
Dream to take country's name to new height in our respective fields
On behalf of Indian Players
We express gratitude for the work, policies and respect made to us
Jai Hind@PMOIndia @Ra_THORe https://t.co/U9EzhdXDR9
— Dr. Arunima Sinha (@sinha_arunima) January 4, 2019
अरुणिमा सिन्हा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तरफ से उत्साहवर्धन के लिए आभार जताते हुए ट्वीट में लिखा, 'जब देश के प्रधान सेवक इतने समर्पित हैं तो बतौर नागरिक हमें भी अपने-अपने क्षेत्रों में देश का नाम नई ऊंचाई पर ले जाने का सपना देखना चाहिए. भारतीय खिलाड़ियों की ओर से हम उनके लिए बनाई जाने वाली नीतियों और सम्मान के लिए आभार जताते हैं. जय हिंद.'