Bach Baras Ki Katha 2024: संतान की लंबी आयु और खुशहाली के लिए महिलाएं करती हैं बछ बारस का व्रत, पूजन के दौरान जरूर पढ़ें या सुनें यह कथा

ऐसी मान्यता है कि बछ बारस यानी गोवत्स द्वादशी के व्रत को करने से संतान को लंबी आयु प्राप्त होती है और जो महिलाएं संतान प्राप्ति की इच्छा रखती हैं, उनकी यह इच्छा पूरी होती है. इस दिन पूजन के साथ-साथ इससे जुड़ी कथा जरूर पढ़नी या सुननी चाहिए.

Bach Baras Vrat Katha 2024: भगवान श्रीकृष्ण के जन्मोत्सव यानी कृष्ण जन्माष्टमी (Krishna Janmashtami) के चार दिन बाद भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की द्वादशी तिथि को बछ बारस (Bach Baras) का त्योहार मनाया जाता है, जिसे गोवत्स द्वादशी (Govatsa Dwadashi) के नाम से भी जाना जाता है. इस दिन महिलाएं अपनी संतान की लंबी उम्र और खुशहाली के लिए व्रत रखती हैं, फिर विधि-विधान से गौमाता और बछड़े की पूजा करती हैं. आज यानी 30 अगस्त 2024 को गोवत्स द्वादशी मनाई जा रही है. गौमाता और उसके बछड़े की पूजा करने के साथ ही माताएं अपने पुत्रों को तिलक लगाती हैं और पूजा के बाद लड्डू का प्रसाद देती हैं. ऐसी मान्यता है कि इस व्रत को करने से संतान को लंबी आयु प्राप्त होती है और जो महिलाएं संतान प्राप्ति की इच्छा रखती हैं, उनकी यह इच्छा पूरी होती है. मान्यता है कि इस दिन बछ बारस की पूजा करने के साथ इससे जुड़ी व्रत कथा पढ़ने और सुनने से व्रत का दोगुना फल प्राप्त होता है. यह भी पढ़ें: Krishna Janmashtami 2024: जन्माष्टमी मनाने का सही शुभ मुहूर्त कब है? यहां जानें सिटी वाइज पूरी डिटेल

बछ बारस व्रत की कथा

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