याना मीर, एक कश्मीरी पत्रकार-कार्यकर्ता, जिन्होंने हाल ही में लंदन में एक वायरल भाषण दिया था, उन्होंने दावा किया कि उन्हें सोमवार, 26 फरवरी को लुई वुइटन बैग को लेकर दिल्ली एयरपोर्ट पर सीमा शुल्क अधिकारियों से उत्पीड़न का सामना करना पड़ा. याना मीर ने अपने वायरल यूके संसद भाषण में कहा कि उन्हें पाकिस्तानी नोबेल पुरस्कार विजेता और कार्यकर्ता मलाला यूसुफजई जैसी स्थिति में नहीं थीं और वह भारत में 'स्वतंत्र और सुरक्षित' महसूस करती थीं. हालांकि, देश लौटने पर अधिकारियों ने उनके साथ जिस तरह का व्यवहार किया, उस पर उन्होंने नाराजगी व्यक्त की. हालांकि, उनके दावे पर नेटिज़न्स से मिली-जुली प्रतिक्रियाएँ आईं. जहां कुछ ने आवाज उठाने के लिए उनकी सराहना की, वहीं कुछ ने उन्हें कहा, "नियम सभी के लिए समान हैं."

नियम सभी के लिए हैं

सोशल मीडिया पर छिड़ी बहस

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