समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा, 'जाति जनगणना का विषय आज का नहीं है ये पहले 1931 में हुई थी और लोकसभा में जब कभी इस पर चर्चा हुई है देश के अलग-अलग दलों ने इस विषय को उठाया है और कहा कि जाति जनगणना होनी चाहिए. बिना जाति जनगणना के हम जनता को सुविधा नहीं दे पाएंगे.

अखिलेश यादव ने कहा, 'अगर बीजेपी इस बात को कहती है कि सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास तो कम-कम हर जाति में ये विश्वास पैदा हो कि उनको भी योजना से जोड़ा गया है. बीजेपी की जिम्मेदारी है कि वो इसे करे, अगर वो नहीं करते तो जब कभी सपा को मौका मिलेगा तब जाति जनगणना होगी.

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