Rajasthan HC Decision: राजस्थान हाईकोर्ट का फैसला, लड़की का इनरवियर और खुद के पकड़े उतारना रेप की कोशिश नहीं, लेकिन अश्लील

राजस्थान हाईकोर्ट ने एक मामले की सुनवाई करते हुए माना है कि किसी लड़की के इनरवियर उतारना और बिना कुछ पहने खुद को निर्वस्त्र करना आईपीसी की धारा 511, धारा 376 के तहत 'बलात्कार के प्रयास' के अपराध के दायरे में नहीं आता है.

Rajasthan HC Decision: राजस्थान हाईकोर्ट ने एक मामले की सुनवाई करते हुए माना है कि किसी लड़की के इनरवियर उतारना और बिना कुछ पहने खुद को निर्वस्त्र करना आईपीसी की धारा 511, धारा 376 के तहत 'बलात्कार के प्रयास' के अपराध के दायरे में नहीं आता है. हालांकि कोर्ट ने  यह माना कि यह अपराध के दायरे में आएगा. क्योंकि आईपीसी की धारा 354 के तहत महिला की लज्जा भंग करना दंडनीय अपराध है. इस मामले में सुनवाई  न्यायमूर्ति अनूप कुमार ढांड की पीठ ने की. सुनवाई के बाद पीठ ने आरोपी को केस से बरी कर दिया.

जानें कोर्ट ने क्या कहा:

मामले की सुनवाई करते हुए कोर्ट ने कहा कि "पहला चरण तब होता है जब अपराधी पहले अपराध करने का विचार या इरादा रखता है. दूसरे चरण में, वह इसे करने की तैयारी करता है. तीसरा चरण तब आता है जब अपराधी अपराध करने के लिए जानबूझकर प्रत्यक्ष कदम उठाये. यदि ऐसा नहीं है तो वह रेप केस के दायरे में नहीं आता है.  यह मामला काफी साल पुराना है और केस 6 साल के बच्ची से जुड़ा हुआ था.

राजस्थान हाईकोर्ट का फैसला:

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