मणिपुर में भाजपा सरकार के लिए एक चौंकाने वाली खबर सामने आई है, जिसमें नीतीश कुमार की अगुवाई वाली जनता दल (युनाइटेड) ने भाजपा सरकार से अपना समर्थन वापस ले लिया है. अब JDU का एकमात्र विधायक विपक्षी बेंच पर बैठेगा. हालांकि, इस घटनाक्रम का सरकार की स्थिरता पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा, लेकिन यह एक मजबूत संदेश है, क्योंकि जदयू भाजपा का केंद्र और बिहार में महत्वपूर्ण सहयोगी है. अब तक इस निर्णय के पीछे का कारण स्पष्ट नहीं हुआ है, लेकिन जल्द ही इस पर आधिकारिक घोषणा होने की उम्मीद है.

इस निर्णय ने भाजपा और जदयू के बीच संबंधों को लेकर सवाल खड़े कर दिए हैं, खासकर जब से दोनों पार्टियां केंद्र और बिहार में साथ मिलकर काम कर रही हैं. राजनीतिक हलकों में यह चर्चा का विषय बना हुआ है कि आखिरकार नीतीश कुमार ने यह कदम क्यों उठाया, और इससे भाजपा की मणिपुर सरकार को कितना नुकसान होगा.

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