HC on WhatsApp Forward: मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय ने हाल ही में कहा कि सरकार निजी व्हाट्सएप ग्रुप में किसी कर्मचारी की गतिविधियों के लिए सेवा के अनुशासनात्मक नियमों के तहत उसके खिलाफ कार्रवाई नहीं कर सकती है. न्यायमूर्ति विवेक रुसिया की उच्च न्यायालय की पीठ ने कहा कि व्हाट्सएप समूह में व्हाट्सएप संदेश अग्रेषित करना इसे सार्वजनिक करने के समान नहीं है क्योंकि ऐसे समूह निजी प्रकृति के होते हैं. अक्सर समान विचारधारा वाले लोगों द्वारा बनाए जाते हैं. अदालत ने एक सरकारी अधिकारी द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए यह टिप्पणी की, जिसे पिछले साल फरवरी में इंदौर डिवीजन के आयुक्त ने अन्य कर्मचारियों के साथ एक व्हाट्सएप ग्रुप में "आपत्तिजनक राजनीतिक संदेश" अग्रेषित करने के लिए निलंबित कर दिया था.
ट्वीट देखें:
Government employee's activity in private WhatsApp group cannot attract disciplinary action: Madhya Pradesh High Court
report by @sofiahsan https://t.co/ObO2CFtZQ6
— Bar & Bench (@barandbench) March 5, 2024
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