बॉम्बे हाईकोर्ट के समक्ष एक रिट याचिका सरोगेसी (विनियमन) नियम, 2022 में संशोधन करने वाली एक अधिसूचना को चुनौती देते हुए याचिका दायर की गई है, जो प्रभावी रूप से जोड़ों को सरोगेसी का लाभ उठाने से रोकती है, जब तक कि दोनों में बच्चे उत्पन्न करने की क्षमता न हो. यह याचिका एक दंपत्ति द्वारा दायर की गई है जो प्राकृतिक गर्भावस्था में असफल रहे और इस प्रकार सरोगेसी का लाभ उठाने की मांग की.

याचिका के अनुसार, प्रजनन संबंधी जटिलताओं का सामना करने वाले पुरुष और महिलाएं कभी भी सरोगेसी के लिए आवेदन नहीं कर सकते क्योंकि संशोधन द्वारा दाता युग्मक वर्जित है. याचिका में कहा गया है कि न तो सरोगेसी एक्ट, 2021 और न ही 2022 के नियम सरोगेसी के लिए डोनर गैमेट्स के इस्तेमाल पर रोक लगाते हैं.

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